गुलशन कुमार हत्याकांड : रऊफ मर्चेंट की सजा बरकरार,रशीद को उम्र कैद

गुलशन कुमार हत्याकांड : रऊफ मर्चेंट की सजा बरकरार,रशीद को उम्र कैद | Gulshan Kumar murder case: Rauf Merchant's sentence upheld, Rashid gets life imprisonment

मुंबई। म्यूजिक कंपनी टी-सीरीज के मालिक गुलशन कुमार हत्याकांड (Gulshan Kumar murder case) में बॉम्बे हाई कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुनाया। हाई कोर्ट ने रऊफ मर्चेंट की आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है । अदालत ने फिल्म निर्माता रमेश तौरानी को बरी करने के निचली अदालत के फैसले को भी बरकरार रखा है और तौरानी के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की अपील को खारिज कर दिया है।

वहीं,हाई कोर्ट ने एक अन्य आरोपी अब्दुल रशीद को दोषी ठहराया है,जिसे निचली अदालत ने बरी कर दिया था। महाराष्ट्र सरकार ने रशीद को बरी करने के खिलाफ अपील दायर की थी। अब हाई कोर्ट ने अब्दुल रशीद को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

गुलशन कुमार ने 80 के दशक में टी-सीरीज की स्थापना की थी। कुछ वर्षों में ही वह कैसेट किंग बन गए थे। टी-सीरीज आज अग्रणी म्यूजिक कंपनी है। गुलशन कुमार वैष्णो देवी के भक्त थे.गुलशन कुमार की 12 अगस्त, 1997 को मुंबई के जुहू इलाके में हत्या कर दी गई थी। गुलशन कुमार को मंदिर के बाहर 16 गोलियां मारी गई थी। इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

अंडरवर्ल्ड डॉन अबु सलेम ने गुलशन कुमार को मारने की जिम्मेदारी दाऊद मर्चेंट और विनोद जगताप को दी थी। विनोद जगताप ने नौ जनवरी, 2001 को कुबूल किया था कि गुलशन कुमार को उसने ही गोली मारी थी।

पेरोल से बांग्लादेश भाग गया था रऊफ मर्चेंट

निचली अदालत द्वारा अप्रैल 2002 में गुलशन कुमार हत्याकांड में रऊफ मर्चेंट को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। साल 2009 में वह बीमार मां से मिलने के लिए पेरोल पर बाहर आया था। इसके बाद वह बांग्लादेश भाग गया था । बाद में बांग्लादेश पुलिस ने रऊफ को फर्जी पासपोर्ट मामले में गिरफ्तार किया। इसके बाद रऊफ को बांग्लादेश से भारत लाया गया था।

इस मामले में हाईकोर्ट में कुल चार अपीलें सूचीबद्ध थीं। तीन अपीलें आरोपी रऊफ मर्चेंट, राकेश चंचला पिन्नम और राकेश खाओकर को दोषी ठहराए जाने के खिलाफ थीं, जबकि एक अन्य अपील महाराष्ट्र सरकार ने रमेश तौरानी को बरी किए जाने के खिलाफ दायर की थी। . रमेश तौरानी को हत्या के लिए उकसाने के आरोप से बरी कर दिया गया था।

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