जयपुर। केन्द्र व राज्य सरकार के विभागों व उपक्रमों में बकाया बिजली बिलों की अभियान चलाकर सख्ती से वसूली की जाएगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा डॉ. सुबोध अग्रवाल ने मंगलवार को विद्युत भवन में आयोजित समीक्षा बैठक में जयपुर, अजमेर और जोधपुर डिस्काम्स को निर्देश दिए कि सरकारी विभागोें व उपक्रमों में बकाया वसूली के लिए सख्त कदम उठाते हुए बकाया वसूली के ठोस प्रयास किए जाएं। उन्होंने नगरीय निकायों सहित सरकारी विभागों व उपक्रमों से भी आग्रह किया कि वे डिस्काम्स के सार्वजनिक बिजली व्यवस्था (पीएलएस) सहित अन्य सभी बकाया बिजली बिलों को तत्काल जमा कराएं ताकि डिस्काम्स को विद्युत कनेक्शन विच्छेद करने सहित किसी तरह की अप्रिय कार्यवाही नहीं करनी पड़े और आमजन को भी किसी तरह की असुविधा ना हो।
एसीएस डॉ. अग्रवाल ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार के विभागों व उपक्रमों में फरवरी तक करीब 2390 करोड़ रु. बकाया को केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा गंभीरता से लिया गया है। सबसे अधिक बकाया राशि नगरीय निकायों यूआईटी, नगर पालिकाओं, नगर परिषदों, नगर निगमों आदि में है। इसी को देखते हुए बकाया बिजली बिल तत्काल जमा कराने पर सरकार ने बिलंव शुल्क अधिभार की छूट देते हुए करीब 532 करोड़ की राहत दी है। उन्होंने तीनों डिस्काम्स को निर्देश दिए कि जिन निकायों व संस्थानों को अभी तक बकाया राशि जमा कराने के नोटिस नहीं दिए गए हैं उन्हें भी पांच दिन का नोटिस देकर अविलंब बकाया बिजली बिल की राशि जमा कराने को कहा जाए। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर विद्युत विच्छेद करने जैसा कठोर कदम उठाया जाए।
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि पीएचईडी विभाग में बकाया बिजली बिलों के भुगतान के लिए राज्य सरकार के वित्त विभाग द्वारा अतिरिक्त वित्तीय प्रावधान करते हुए राशि जारी कर दी गई है। इसी तरह से अन्य विभागों में भी राशि उपलब्ध होने के बावजूद बिजली बिलों का भुगतान नहीं होने से डिस्काम्स की वित्तीय स्थिति पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। उन्होंने तीनों डिस्काम्स को निर्देश दिए कि सरकारी विभागों में बकाया बिजली बिलों की वसूली के साथ ही अन्य बकाया बिजली बिलों की भी वसूली में तेजी लाएं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि बकाया बिजली बिलों की वसूली मेें किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
चेयरमैन डिस्काम्स भास्कर ए. सावंत ने बताया कि बकाया बिजली बिलों की वसूली की नियमित मोनेटरिंग की जा रही है और विभाग के प्रयासों का ही परिणाम है कि वित्त विभाग ने पीएचईडी के बकाया बिजली बिलों की भुगतान के लिए अतिरिक्त राशि जारी कर दी है। उन्होंने जयपुर, जोधपुर और अजमेर डिस्काम्स को 31 मार्च तक बकाया वसूली अभियान चलाने के निर्देश देते हुए वसूली की दैनिक समीक्षा करने को कहा।
इससे पहले एसीएस एनर्जी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बजट घोषणाओं की क्रियान्विति की समीक्षा की। उन्होंने तीनों डिस्काम्स में वित्तीय अनुशासन की आवश्यकता प्रतिपादित की। बैठक में सीएमडी विद्युत उत्पादन निगम आरके शर्मा, डिस्काम्स प्रंबंध संचालकों में जयपुर अजीत कुमार सक्सैना, अजमेर एनएस निर्वाण, जोधपुर प्रमोद टांक, वित्तीय सलाहकार संदीप धीर, निदेशक पावर ट्रेडिंग पीएस सक्सैना, सीसीओए आशुतोष जोशी व अन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया।