राजस्थान विधानसभा में उठा बढ़ते बलात्कार का मुद्दा, मंत्री बोले- सोशल मीडिया पर परोसी जा रही अश्लीलता मुख्य कारण

विधानसभा

जयपुर : छोटी बच्चियों से रेप के बढ़ते मामलों को लेकर राजस्थान विधानसभा में विपक्ष ने सरकार को घेरने का प्रयास किया। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने छोटी बच्चियों से रेप के आरोपियों को सजा का प्रतिशत कम होने पर सवाल उठाए। कटारिया के सवाल के जवाब में संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने सदन में बताया कि पिछले जनवरी 2019 से लेकर जनवरी 2022 की तीन साल की अवधि में छोटी बच्चियों के साथ दुष्कर्म के 5793 मामले दर्ज किए गए हैं। नाबालिग बच्चियों से रेप के आरोप में 6628 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। 129 मामलों में 398 आरोपियों को कोर्ट से सजा हुई है। कुल 4631 मामलों में अदालत में चालान पेश किया। कुल 283 मामलों में अदालत में चालान पेश किया जाना बाकी है।

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने मंत्री के जवाब पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश में पोक्सो एक्ट की 50 से ज्यादा अदालत होने के बावजूद अब तक 129 आरोपियों को ही सजा हुई है, पूरा सिस्टम कर क्या रहा है? यह हालत ठीक नहीं है। बच्चियों से अपराध काे कंट्रोल करने का एकमात्र उपाय है कि केस ऑफिसर में सजा दिलाने की तत्परता दिखाएं। कटारिया ने पुलिस की कार्यप्रणाली और जांच की देरी पर सवाल उठाए। तीन साल के आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में हर रोज 5 बच्चियों के साथ रेप की घटना होती है।

सोशल मीडिया पर मौजूद अश्लील सामग्री मुख्य कारण

संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि पोक्सो अदालतों की संख्या 54 ही है, इनकी संख्या बढ़ेगी तो सजा के मामलों में और इजाफा हो सकता है। यह गंभीर चिंतन का विषय है कि जिस प्रकार युवकों में अमानवीय प्रवृति घर कर रही है। इसका मुख्य कारण सोशल मीडिया पर मौजूद अश्लील सामग्री है। सोशल मीडिया पर बेरोकटोक अश्लील सामग्री परोसी जाती है, इसकी वजह से ऐसी घटनाओं को बढावा मिलता है। बच्चियों से रेप के दोषियों को सजा दिलाने के साथ ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए भी उपाय किए जा रहे हैं। राजस्थान पब्लिक सेफ्टी बिल तैयार हो चुका है। यह बिल पास हो जाता है तो नोटिफाई एरिया में सीसीटीवी लगाना अनिवार्य होगा। पब्लिक ट्रांसपोर्ट में पैनिक बटन भी अनिवार्य किया जाएगा।

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