जयपुर : निजी यूनिवर्सिटी खोलने के बिल पर विधानसभा में सरकार को भारी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। सीकर की गुरुकुल यूनिवर्सिटी का विधेयक मंगलवार को विधानसभा में बहस के बाद पारित करवाना था। यह बिल विधानसभा की कार्यसूची में था। दोपहर में ही इस यूनिवर्सिटी की हकीकत के बारे में उच्च शिक्षा मंत्री और सरकार के जिम्मेदारों को पता लगा। आनन-फानन में बिल को वापस लेने का फैसला लिया गया।
गुरुकुल यूनिवर्सिटी के कर्ताधर्ताओं ने जिस 80 एकड़ जमीन पर कैंपस बताया था, वहां कोई भी निर्माण नहीं है। मौके पर खाली जमीन पड़ी है। इस फर्जीवाड़े के बारे में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और विपक्ष के नेताओं ने विधानसभा में सवाल उठाए। पूरे हालात स्पीकर को बताए। सीकर कलेक्टर से फैक्चुअल रिपोर्ट मंगवाई गई। उसमें भी यही बताया गया कि मौके पर कोई निर्माण नहीं है। विधानसभा में यह पहला मामला है, जब किसी निजी यूनिवर्सिटी ने इस तरह फर्जीवाड़ा करते हुए गलत रिपोर्ट तैयार करवा दी। इसमें सरकारी अफसरों ने भी खूब साथ दिया। उन्हाेंने भी सरकार को गलत रिपोर्ट सौंप दी। उसी आधार पर सरकार उसका बिल भी ले आई। विधानसभा में शाम को उच्च शिक्षा मंत्री राजेंद्र यादव ने गुरुकुल यूनिवर्सिटी बिल वापस लेने का प्रस्ताव रखा।
स्पीकर बोले- स्टैंडर्ड, इंफ्रास्ट्रक्चर को जांचकर ही बिल लाए
विधानसभा स्पीकर सीपी जेाशी ने गुरुकुल यूनिवर्सिटी फर्जीवाड़े पर कहा कि यह गंभीर सवाल है। इस यूनिवर्सिटी के इंफ्रास्ट्रक्चर रिपोर्ट पर जो बातें आई हैं, वह चिंतनीय हैं। सरकार ऐसा मैकेनिज्म विकसित करे कि इस तरह की कोई गड़बड़ी की गुंजाइश न रहे। किसी प्राइवेट यूनिवर्सिटी का बिल लाने से पहले सभी तरह के फैक्ट्स जांच लिए जाएं। यह जिम्मेदारी उन अफसरों की होगी जिनकी झूठी रिपोर्ट के आधार पर सरकार बिल लाती है तो पूरे सदन की अवमानना होती है। सरकार निजी यूनिवर्सिटी को बढ़ावा दे रह है तो उसके स्टैंडर्ड, इंफ्रास्ट्रक्चर को जांचकर सब कुछ पुख्ता करके ही बिल लाए।
कटारिया बोले- इस तरह का फर्जीवाड़ा नहीं देखा
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने सदन में कहा कि गुरुकुल यूनिवर्सिटी का मामला साधारण नहीं है। बिल में जो लिखा गया है, उसमें एक फीसदी भी सच्चाई नहीं हो और मामला यहां तक पहुंच जाए। आज गहराई से इसे नहीं देखा जाता, इतना विचार नहीं होता तो यह पास भी करवा लेते। सुबह कलेक्टर से फोन करके भी आपने सच्चाई का पता लगाया और बाद में पता लगा कि यह अनर्थ हो गया। कोई निजी यूनिवर्सिटी का बिल इस स्टेज् तक आ जाए और फिर वापस लौटना पड़े तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है। बिल्डिंग बनी हुई बताई गई और वहां पर कुछ नहीं। यह तो हमने आपको समय से पहले बता दिया और यह फर्जीवाड़ा पकड़ा गया। कटारिया ने कहा कि मेरे 40 साल के राजनीतिक जीवन में मैंने ऐसा मामला कभी नहीं देखा। दोषियों के खिलाफ सख्त एक्शन होना चाहिए। पैसे के लेनदेन के अलावा कोई आधार नहीं हो सकता।
राठौड़ बोले- मुझे भवन नहीं खाली जमीन दिखी
उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने विधानसभा में गुरुकुल यूनिवर्सिटी की खाली जमीन की तस्वीर दिखाते हुए कहा कि यह तस्वीर सदन को दिखाना चाहता हूं। जिस गुरुकुल यूनिवर्सिटी ने दावा किया, वहां कुछ नहीं मिला। होली के दूसरे दिन मैं इस यूनिवर्सिटी को देखने निकला। जो खसरा नंबर दिए गए हैं, उसे खोजते हुए मैं सीकर जयपुर रोड से 14 किलोमीटर अंदर जीणमाता आरआई सर्किल पहुंचा। वहां पटवारी को बुलाकर भी उससे जगह के बारे में पूछा। मैंने दूरबीन निकालकर देखा। सोचा कि कई बार चीजें अंर्तध्यान हो जाती होंगी। जिस जगह 24 हजार वर्गमीटर पर यूनिवर्सिटी बिल्डिंग बनाने की रिपोर्ट दी और बिल में जिक्र किया, वहां कुछ नहीं मिला। केवल खाली जमीन थी। यह रिपोर्ट आपको जिसने दी, उसने किस आधार पर दी, उस पूरी कमेटी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।