माइनिंग, ऑयल और गैस कॉन्क्लेव : राज्य की नई खनिज नीति होगी अग्रगामी और सेक्टर के तेजी से विकास की वाहक – खान मंत्री भाया

Mining, Oil and Gas Conclave: The state's new mineral policy will be a pioneer and a vehicle for rapid development of the sector - Mines Minister Bhaya

जयपुर। खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि प्रदेश की नई खनिज नीति अधिक अग्रगामी, माइनिंग सेक्टर को तेजी से प्रमोट करने वाली और समाज के सभी वर्गों को माइनिंग से जोड़ने वाली होगी। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा के अनुसार नई खनिज नीति मेें एससी, एसटी, महिलाओं, विशेष योग्यजन, बेरोजगार टेक्नोक्रेट युवाओं आदि के लिए माइनिंग आवंटन प्रक्रिया में आरक्षण होगा। राज्य में माइनिंग सेक्टर से आमनागरिकों को जोड़ने के प्रावधान किए जा रहे हैं। उन्होेने कहा कि खनन क्षेत्र मेें हमारे कार्यों और उपलब्धियों को केन्द्र सरकार ने भी रिकगनाइज किया है और प्रधान और अप्रधान खनिज क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए ही पहलीबार राजस्थान को द्वितीय पुरस्कार और तीन करोड़ 80 लाख रु. की प्रोत्साहन राशी से सम्मानित किया है। खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया बुधवार को होटल मैरियट में एक दिवसीय माइनिंग, ऑयल एवं गैस कॉन्क्लेव के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। खान मंत्री भाया, राजस्व मंत्री राम लाल जाट, एसीएस माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल, कोलंबिया की राजदूत मारियाना पाचेको मोंटेस आदि ने दीप प्रज्ज्वलन का कॉन्क्लेव का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर अतिथियों द्वारा रिन्यूबल एनर्जी की काफी टेबल बुक भी जारी की गई। खान मंत्री भाया ने कहा कि पिछले साढ़े तीन साल में प्रदेश में माइनिंग सेक्टर में तेजी से काम हुआ है और खनिज खोज, नए प्रधान और अप्रधान खनिजों के प्लॉट विकसित कर नीलामी करने से लेकर राजस्व अर्जन तक उपलब्धियों का कीर्तिमान बनाया गया है। उन्होंने पूर्व सरकार के साढ़े तीन साल के कार्यकाल से वर्तमान सरकार के साढ़े तीन साल की तुलना करते हुए बताया कि अप्रधान खनिज के पूर्व सरकार के 566 की तुलना में 1500 ब्लॉक व प्रधान खनिज के 3 ब्लॉकों की तुलना में 13 ब्लॉक तैयार कर नीलाम किए हैं। इसी तरह से पूर्व सरकार के 13959 करोड़ के राजस्व की तुलना में 19686 करोड़ रु. का रेकार्ड राजस्व अर्जित किया गया है। अवैध खनन के विरुद्ध कार्यवाही की चर्चा करते हुए बताया कि पूर्व सरकार के 17056 प्रकरणों की तुलना मेें 40831 प्रकरण दर्ज करने, 2530 की तुलना में 3698 एफआईआर दर्ज कराने, 14056 की तुलना में अवैध खनिज परिवहन करते 39290 वाहन जब्त करने, 632 की तुलना में 1387 बड़ी मशीनों की जब्ती की कार्यवाही की है।

उन्होंने बताया कि वैध खनन को बढ़ावा देने के लिए योजनावद्ध प्रयास किए गए हैं ताकि अवैध खनन को रोका जा सके। खान मंत्री भाया ने बताया कि मुख्यमंत्री गहलोत के प्रयासों से ही लंबी प्रक्रिया व प्रयासों से बंशीपहाड़पुर के सेंड स्टोन का वैध खनन आरंभ हो सका है। बजरी की समस्या के हल के लिए सर्वोच्च न्यायालय व सीईसी के समक्ष प्रभावी तरीके से राजस्थान का प़क्ष रखने से ही लीजं शुरु हो सकी है। भाया ने खनिज खोज कार्य को गति देने के लिए आरएसएमईटी का गठन, बजरी के विकल्प के रुप में एम सेंड नीति लागू कर सरकारी निर्माण कार्य में 25 प्रतिशत एम सेंड के उपयोग, सिलिकोसिस नीति आदि लागू कर कार्यों को गति दी जा रही है। उन्होंने बताया कि 2023-24 में खत्म होने जा रहे लीजधारकों को राहत देते हुए इन लीजों की अवधि बढ़ाई जा रही है। राजस्थान में तेल और गैस सेक्टर की चर्चा करते हुए भाया ने बताया कि चार बेसिनों में विभाजित 14 जिलों में प्रचुर मात्रा में ऑयल व गैस की 11 लीज स्वीकृत है वहीं 15 नए खोज लाइसेंस जारी करने की तैयारी है। ओएनजीसी, फोकस एनर्जी, ऑयल इण्डिया, वेदांता आदि खोज व दोहन कार्य में लगी हुई है।

प्रदेश में एक लाख 9 हजार बैरल खनिज तेल का उत्पादन हो रहा है। उन्होंने बताया कि राजस्थान रिफाइनरी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ड्रीम प्रोजेक्ट है और अब इसमें तेजी से काम करतेे हुए 2024 तक राजस्थान रिफाइनरी का काम पूरा कर प्रदेश में नया इतिहास रचा जा रहा है। उन्होंने प्रदेश में खनिज, ऑयल और गैस सेक्टर में अधिक से अधिक निवेश भागीदारी बढ़ाने का आह्वान किया। राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने कहा कि कृषि के बाद प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप से सबसे अधिक रोजगार माइनिंग सेक्टर उपलब्ध कराता है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में माइनिंगसेक्टर में ऑनलाईन व्यवस्था करने से पारदर्शिता आने के साथ ही लोगों का विश्वाश बढ़ा है। उन्होंने पर्यावरण का ध्यान रखते हुए वैज्ञानिक पद्धति से खनिज दोहन पर बल दिया। राजस्व मंत्री जाट ने कहा कि माइनिंग सेक्टर में ओवरवर्डन की बड़ी समस्या है। ओवरवर्डन के निस्तारण के लिए भी ईसी का प्रावधान है। इस समस्या का ठोस समाधान खोजना होगा। उन्हांने राजस्व विभाग से हर संभव सहयोग का विश्वास दिलाया।

Mining, Oil and Gas Conclave: The state's new mineral policy will be a pioneer and a vehicle for rapid development of the sector - Mines Minister Bhaya

एसीएस माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा कि खनिज भण्डार की दृष्टि से राजस्थान यूनिक प्रदेश बन गया है। लेड, जिंक, बोलेस्टाइन, कॉपर, यूरेनियम, पोटाश, लाइमस्टोन, आयरन ऑर, मेगनीज, गारनेट, जिप्सम, मार्बल, सेंड स्टोन आदि के विपुर भण्डार है। उन्होंने कहा कि यूरेनियम खोज के साथ ही राजस्थान विश्वपटल पर आ गया है, प्रचुर मात्रा में पोटाश के भण्डार मिले हैं लाइम स्टोन के हमारे ब्लॉक देश में सर्वाधिक 192 फीसदी से भी अधिक में ऑक्शन हो रहे हैं, आयरन ऑर के जयपुर जिले के बागावास ब्लॉक की नीलामी देष में सर्वाधिक 452 प्रतिशत प्रीमियम पर हुई है। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि ऑयल और गैस के कारण आज पश्चिम राजस्थान में रिव्यूलेशन आ गया है। राज्य में बाड़मेर की परकेपिटा इंकम सबसे अधिक हो गई है। राजस्थान रिफाइनरी प्रदेश में विकास की नई इबारत लिख रही है। इसकी विषालता का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि बुर्ज खलिफा से 5 गुणा अधिक कंक्रिट और एफिल टॉवर से 40 गुणा अधिक स्टील का उपयोग होगा। आगामी 8 सालों में 96 लाख पाइप लाईन से घरेलू गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने का रोडमेप बनाया गया है।

कोलंबिया की राजदूत मारियाना पाचेको मोंटेस ने बताया कि कोलंबिया की इकोनोमी भी काफी कुछ माइनिंग सेक्टर पर निर्भर है। एनर्जी सेक्टर में भी बहां बड़ा काम हो रहा है। निदेशक माइंस केबी पण्ड्या ने आभार व्यक्त करते हुए बताया कि राजस्थान में माइनिंग सेक्टर में बड़ी उपलब्धियां के साथ ही अभी विपुल संभावनाएं है। आरंभ में अमित कुमार गुप्ता ने अतिथियों का स्वागत किया।

लीडरशीप डिस्कशन

हाइड्रोकार्बन सिनेरियो- अवसर एवं चुनौतियां सत्र में पैनल डिस्कशन में भारत एवं राजस्थान में हाइड्रोकार्बन के क्षेत्र और राजस्थान स्थित बाड़मेर रिफाइनरी का प्रदेश के विकास में योगदान एवं पेट्रोकेमिकल के क्षेत्र में तेजी से हो रहे विकास पर मंथन किया गया। इस सत्र में ओएनजीसी के ईडी एसएन चिटनिस, भारत पेट्रोलियम के ईडी टी पीतांबरन, राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम टेक्नोलाजी के निदेशक प्रोफेसर एएसके सिन्हा, भारत सरकार के पेट्रोलियम और नेचुरल गैस के अतिरिक्त महा निदेशक एक्सप्लोरेशन डॉ. सी लक्ष्मण रेड्डी, राजस्थान रिफाइनरी के मुख्य कार्यकारी कमलाकर विखर देश व प्रदेश के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस सिनेरियों और भावी संभावनाओं पर चर्चा की गई। एक अन्य सत्र में ट्रेंड्स एण्ड आइडियाज इन माइंस एण्ड मिनरल सेक्टर पर भारत और राजस्थान की खनिज संपदा एवं सामाजिक एवं आर्थिक विकास में योगदान पर चर्चा रही। इसके साथ ही तकनीक और नवाचारों से इस क्षेत्र में सस्टेनेबल माइनिंग द्वारा बेस्ट आउटकम पर मंथन किया गया।

इस सत्र में जम्मू-कश्मीर के माइंस सचिव अमित शर्मा, फेगमिल के सीएमडी बिग्रेडियर अमर सिंह राठौड़, हिन्दुस्तार कॉपर के निदेशक माइंनिंग संजीव कुमार सिंह, स्टील ऑथोरिटी ऑफ इण्डिया के सीजीएम न्रेम कुमार झा, सीडॉस के मुख्य कार्यकारी मुकुल रस्तोगी और जेके लक्ष्मी सीमेंट के डीजीएम जियोलाजी डॉ. अमर दीप सक्सैना बतौर विशेषज्ञ चर्चा में हिस्सा लिया। कॉन्क्लेव के सीमलेस गैस ड्रिस्ट्रीब्यूशन एण्ड पाइपलाईन नेटवर्क सत्र में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क (सीजीडी) विकसित करने के प्रयासों के साथ ही भूमिगत गैस पाइपलाईन डालने, प्रेशर रेगुलेटिंग स्टेशन और सीएनजी स्टेशन स्थापित करने की प्रक्रिया पर विचार विमर्श हुआ। वर्तमान सिनेरियों और भविष्य की संभावनाओं पर राजस्थान स्टेट गैस लि. के प्रबंध संचालक मोहन सिंह, गैल इंडिया के राजस्थान मार्केटिंग हैड संदीपा ट्रक्रू ने बताया कि राजस्थान में पाइप लाईल से घरेलू गैस वितरण के लिए आधारभूत संरचना विकसित करने का काम जारी है।

अंतिम तकनीकी सत्र में मेजर मिनरल्स: एक्स्प्लोरेशन, प्रोडक्शन एण्ड मार्केटिंग पर एमईसीएल के निदेशक तकनीकी अरविन्द कुमार, उडीसा के अतिरिक्त निदेशक माइंस यूसी जुनेजा, तेलंगाना सरकार के माइंस विभाग के निदेशक डॉ. रोनाल्ड रोज, छत्तीसगढ़ सरकार के मिनरल संसाधन विभाग के संयुक्त निदेशक अनुराग दीवान और जियोलाजिकल सर्वें ऑफ इंडिया के उपमहानिदेशक डॉ. संजय दास के साथ ही निजी क्षेत्र हिन्दुस्तान जिंक, जिंदल शा के विशेषज्ञ द्वारा महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए। कान्क्लेव में सीमेंट, वण्डर सीमेंट, अंबुजा सीमेंट, हिन्दुस्तान जिंक के द्वारा भी प्रस्तुतिकरण दिया गया।

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