जयपुर: भारतीय जनता पार्टी में वल्लभनगर और धरियावाद विधानसभा उपचुनाव में हार पर मंथन जारी है। पार्टी नेतृत्व की ओर से उपचुनाव में लगाए गए 20 स्टार प्रचारकों में से कई बड़े नेताओं के चुनाव प्रचार में नहीं जाने के बाद अब नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया ने पार्टी नेतृत्व के फैसले पर ही सवाल उठा दिया है। कटारिया ने कहा कि केवल स्टार प्रचारक की लिस्ट बना देने से कुछ नहीं होता। 2 विधानसभाओं में इतने स्टार प्रचारक नेताओं की जरूरत भी थी या नहीं,यह देखना चाहिए था।
अगर सभी स्टार प्रचारक वहां चले भी जाते, तो वहां के कार्यकर्ताओं का इन स्टार प्रचारकों की मीटिंग कराते-कराते ही दम निकल जाता। गुलाबचन्द कटारिया ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि मैं सोचता हूं दो-तीन नेताओं की मीटिंग रखी जा सकती थी। क्योंकि ये प्रत्याशी का चुनावी माहौल और वातावरण बनाने के लिए जरूरी होती हैं। लेकिन 20 स्टार प्रचारक नेताओं की 50 मीटिंग अगर कैंडिडेट करवाए,तो उनका खर्चा कौन उठाएगा। कार्यकर्ता क्या मीटिंगों में ही उलझा रहेगा। नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने दोनों सीटों पर हार के बाद स्वीकार करते हुए कहा है कि निश्चित रूप से जो चुनाव परिणाम आया है,उससे स्पष्ट है कि जनता ने हमारे कैंडिडेट को स्वीकर नहीं किया और यह जग जाहिर है। उसका विश्लेषण होना ही चाहिए। हम विश्लेषण कर रहे हैं और आगे भी करेंगे।