जयपुर। अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग, एमएसएमई, माइंस एवं पेट्रोलियम वीनू गुप्ता ने सरकारी विभागों व संस्थाओं को राजस्थान हथकर्घा विकास निगम आरएचडीसी, बुनकर संघ और खादी बोर्ड में उपलब्ध उत्पादों की खरीद सीधे इन्हीं विभागों से करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हस्तषिल्पियों और हथकर्घा दस्तकारों और बुनकरों के उत्पादों को संरक्षण व विपणन सहयोग उपलब्ध कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि तीनों ही संस्थाओं के उत्पादों की स्पेसिफिकेशन और दरों का निर्धारण भी राज्य सरकार द्वारा किया जाता है।
एसीएस वीनू गुप्ता गुरुवार को सचिवालय में राज्य के हस्तशिल्प व हथकर्घा क्षेत्र के संरक्षण व विपणन प्रोत्साहन के लिए आयोजित उच्च स्तरीय अंतरविभागीय बैठक को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के विभाग व संस्थाएं इन संस्थाओं में उपलब्ध सामग्री की खरीद इन संस्थाओ से अनुपलब्धता प्रमाण पत्र प्राप्त कर ही अन्य स्रोत से कर सकती है। उन्होंने कहा कि वित्त विभाग के आदेशों में स्पष्ट प्रावधान है कि इन संस्थाओं से सीधी खरीद की जा सकती है।
ACS वीनू गुप्ता ने कहा कि एसएमएस अस्पताल सहित राज्य भर के अस्पतालों, डिस्पेंसरियों, आयुर्वेदिक व हौम्योपैथिक सहित चिकित्सा संस्थानों में गॉज बैण्डेज, साधारण बैण्डेज, कंबल, चादर, तोलियें आदि की खरीद इन संस्थाओं से की जानी चाहिए।
इसी तरह से शिक्षा, वन, महिला बाल विकास, सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग सहित अन्य संस्थाओं द्वारा संचालित आवास गृहांं व अन्य कार्यो के लिए आवश्यक सामग्री दरी, चादर, खेस, डस्टर, साड़ी, ड्रेस मैटेरियल, परदे, तौलिए, टेबल क्लॉथ, फ्लोर कवरिंग, गद्दा-तकिया, हास्पिटल कंबल, गॉज बैण्डेज, साधा बैण्डेज आदि की खरीद आरएसडीसी, बुनकर संघ या खादी बोर्ड से खरीद करने से प्रदेश के हस्तशिल्पियों, दस्तकारों और बुनकरो को सीधा लाभ मिलता है।
राज्य सरकार द्वारा इस तरह के 50 से अधिक उत्पादों के स्पेसिफिकेशन व दर आदि निर्धारित कर रखे हैं। उन्होंने कहा कि संबंधित विभाग व संस्थाएं 15 दिवस में संभावित मांग का आंकलन कर उपलब्ध कराएं ताकि मांग के अनुसार उत्पादों की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकें।
एसीएस वीनू गुप्ता ने कहा कि बजट प्रावधानों के अनुसार उपलब्ध राषि व संबंधित लाभार्थियों, हॉस्टल, आंगणवाड़ी केन्द्रों, चिकित्सा केन्द्रों, डिस्पेंसरियों आदि के लिए वित्तीय वर्ष के अंतिम माहों में खरीद की प्रवृति छोड़कर वित्तीय वर्ष के शुरुआत में ही आवश्यकता व मांग के अनुसार खरीद करें ताकि खरीद में गुणवत्ता बनी रह सके व वस्तुओं का समय पर उपयोग हो सके। उन्होंने तीनों संस्थाओं से भी संबंधित विभागों से समन्वय बनाने, उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और मांग के अनुसार समय पर उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।
बैठक में आयुक्त चिकित्सा शिक्षा नकाते शिवप्रसाद मदन, एडिशनल प्रिसिंपल चीफ कंजरवेटर केसीए अरुण प्रसाद, सीएमडी आरएसडीसी मनीषा अरोड़ा, निदेशक शिक्षा गौरव अग्रवाल, खादी बोर्ड, संयुक्त सचिव उद्योग पूनम सागर, एसएमएस अस्पताल, समग्र शिक्षा, आयुर्वेद, सामाजिक न्याय व आधिकारिता, बुनकर संघ, महिला एवं बाल विकास सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी व वित्तीय सलाहकार उपस्थित रहे।