आरएसएमईटी से खनिज ड्रिलिंग, सेंपलिंग, सर्वे आदि में भागीदारी से खनिजों का वैज्ञानिक दोहन

जयपुर। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइसं, पेट्रोलियम, उद्योग व एमएसएमई वीनू गुप्ता ने कहा है कि राज्य में आरएसएमईटी के माध्यम से खनिज खोज में ड्रिलिंग, सेंपलिंग, सर्वे व इससे जुड़े कार्य में गति लाने के साथ ही इनके लिए आधारभूत सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। उन्होेंने कहा कि प्रदेश की विपुल खनिज संपदा के एक्सप्लोरेशन कार्य को गति देने के साथ ही अधिक से अधिक ब्लॉक तैयार कर भारत सरकार के पोर्टल पर ई नीलामी की जाएगी ताकि प्रदेश में खनिज संपदा का वैज्ञानिक दोहन, औद्योगिक निवेश व विकास, प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रुप से रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी और राज्य सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में रेकार्ड मेजर मिनरल ब्लॉकों के ऑक्शन का नया रेकार्ड बनाया जाएगा।

एसीएस माइंस वीनू गुप्ता सोमवार को उद्योग भवन में राजस्थान राज्य खनिज अन्वेषण ट्रस्ट की बैठक ले रही थी। उन्होंने आरएसएमईटी द्वारा पहले साल में ही 72 माइनिंग लीज ब्लॉक ऑक्शन के लिए तैयार किए गए हैं वहीं 13445 सेंप्लस का विश्लेषण कर खनिज भण्डारों की उपलब्धता व गुणवत्ता का आकलन किया गया है।

ACS गुप्ता ने बताया कि राज्य के भू-भौतिकी, पेट्रोलोजी, रिमाट सेंसिंग आदि कार्यों के लिए आधारभूत संरचनात्मक सुविधाएं विकसित की जाएगी ताकि एक्सप्लोरेशन सर्वेक्षण कार्य को और अधिक आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने माइनिंग ब्लॉकों के ई आक्षन की सोशियल मीडिया आदि पर व्यापक प्रचार-प्रसार के भी निर्देश दिए ताकि अधिक से अधिक लोग आगे आएं और प्रतिस्पर्धात्मक राशि प्राप्त हो सके।

उपसचिव माइंस नीतू बारुपाल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में माइनिंग एक्सप्लोरेशन कार्य में तेजी लाने के लिए सितंबर 2020 में अधिसूचना जारी कर आरएसएमईटी का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि आरएसएमईटी के माध्यम से खनिज खोज कार्य को गति दी जा रही है।

आरएसएमईटी के मुख्यकार्यकारी एनपी सिंह ने बताया कि आरएसएमईटी द्वारा लाडपुरा, चांदगढ़, हाथुन, बिलाड़ा, करोघ की ढाणी व पापड़ा में आयरन ओर और लाईमस्टोन के भण्डारों की खोज के लिए कुल मिलाकर 12300 मीटर ड्रिलिंग कार्य करवाया है और उसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं। इसी तरह से केन्द्रीय प्रयोगशाला व अन्य स्रोत से 13445 ड्रिलिंग सेंपल्स का विश्लेषण करवाया गया है। सिंह ने बताया कि इसके साथ ही एक्सप्लोरेशन से जुड़ी गतिविधियों के लिए आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। बैठक में अतिरिक्त निदेशक जियोलोजी आलोक प्रकाश जैन ने भी हिस्सा लिया।

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