निकाय प्रमुखों के अधिकारों में कटौती: रिटायरमेंट बेनीफिट की फाइल पर अब नहीं कर सकेंगे सिग्नेचर

गहलोत Reduction in the rights of the body heads: will no longer be able to sign on the retirement benefit file निकाय प्रमुखों के अधिकारों में कटौती: रिटायरमेंट बेनीफिट की फाइल पर अब नहीं कर सकेंगे सिग्नेचर

जयपुर: अशोक गहलोत सरकार ने नगरीय निकाय अधिकारीयों के अधिकारों में कमी करते हुए एक नए प्रावधान को लागू किया है। अब सेवानिवृत होने वाले अधिकारी को रिटायरमेंट बेनफिट के लिए फाइल पर निकाय मुखिया (मेयर, सभापति या चैयरमेन) सिग्नेचर लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। राज्य सरकार ने आज से इस प्रावधान को खत्म कर दिया है। राज्य सरकार का ये निर्णय निकाय प्रमुखों के अधिकारों में एक और कटौती के तौर पर देखा जा रहा है।

दरअसल अभी तक यह प्रावधान था कि रिटायर होने वाले कर्मचारी के रिटायमेंट बेनीफिट लेने के लिए की फाइल पर नगर निगम के कमिश्नर या अधिशाषी अधिकारी के साथ-साथ निकाय प्रमुख के भी सिग्नेचर होते है। लेकिन अब सरकार ने इस बाध्यता को खत्म कर दिया है।

कानून लाकर मेंबर को हटाने का अधिकार लिया था

इससे पहले मार्च में विधानसभा सत्र के दौरान भी सरकार ने एक कानून पास करके सरकार ने अपने आदेशों में अयोग्य मेंबरो को अपने ही स्तर पर हटाने का अधिकार लिया था। अभी तक ऐसा प्रावधान था कि कोई मेंबर अगर अयोग्य होते हुए भी चुनाव जीत गया, जीतने के बाद एक महीने के अंदर याचिका दायर नहीं हुई तो वह 5 साल बना रहता था। लेकिन सरकार ने नया कानून लाकर अब ऐसे मेंबर को हटाने का अधिकार अपने पास ले लिया।

इस कानून के तहत अगर किसी मामले में सरकार को एक महीने बाद पता लगता है कि कोई व्यक्ति डिसक्वालिफाइड है और चुनाव लड़ने के काबिल नहीं था तो उसे जांच के बाद हटा सकती है।

 

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