जयपुर। अजमेर रोड़ स्थित बिचून के पास भैराणा गांव निवासी प्रगतिशील किसान सुरेन्द्र अवाना राजस्थान के पहले ड्रोन पायलट किसान बन गए हैं। अवाना ने श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर में पांच दिवसीय ड्रोन पायलट ट्रेनिंग ली है। भारत सरकार की ओर से श्री कर्ण नरेन्द्र सिंह कृषि विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर में गुड़गांव की एक नामी कंपनी की ओर से ट्रेनिंग कैंप का आयोजन किया गया। इस ट्रेनिंग कैंप में ड्रोन के उपयोग हेतु मैप बनाने वाली कंपनियों और इवेंट मैनेजमेंट की कंपनियों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
ड्रोन पायलट प्रशिक्षण संस्थान के इंचार्ज डॉ. उपेन्द्र सिंह और कॉर्डिनेटर डॉ. सचिन वाडेकर ने बताया कि ड्रोन से उपयोग खेतों में स्प्रे करना, खेत की रखवाली करना, मिट्टी के चित्र लेना आदि कार्य बहुत आसान हो जाएंगे। जैविक स्प्रे के दौरान छिड़काव में थोड़ा कम ज्यादा होने से फसलों को कोई नुकसान नहीं होगा। ट्रेनिंग पूरी करने के बाद श्री कर्ण नरेन्द्र सिंह कृषि विश्वविद्यालय के डीएन एग्रीकल्चर डॉ. बीएल जाट ने सुरेन्द्र अवाना को सर्टिफिकेट प्रदान किया।
अवाना ने भारत सरकार से मांग की है कि ड्रोन चलाने के लिए पासपोर्ट की अनिवार्यता को समाप्त किया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर किसानों का पासपोर्ट बना हुआ नहीं है। ऐसे में वे इस सुविधा से वंचित रह जाएंगे। अवाना ने कहा कि पासपोर्ट की अनिवार्यता के स्थान पर दूसरा विकल्प तलाश कर देश और प्रदेश के अधिक से अधिक किसानों को ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग दी जाए ताकि किसान इस सुविधा का फायदा उठा सके।