भाजपा में भी सियासी गतिविधियां तेज, अब राजे चली देव दर्शन यात्रा पर

भाजपा में भी सियासी गतिविधियां तेज, अब राजे चली देव दर्शन यात्रा पर

जयपुर। भाजपा में आपसी कलह के बीच पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी कल 23 नवम्बर से चार दिवसीय देव दर्शन यात्रा पर निकल रही हैं। राजे की यात्रा के कई मायने हैं। उनका मूल फोकस मेवाड़ में अपने पक्ष में जन समर्थन जुटाना है। मेवाड़ वसुंधरा राजे के लिए काफी शुभ माना जाता हैं। मेवाड़ से ही परिवर्तन यात्रा शुरु की थी उसके बाद ही पहली बार मुख्यमंत्री बनी थी। इस बार भी पार्टी संगठन के सामने अपने आपको स्थापित करने के लिए राजे ने सभाओं आदि के बजाय धार्मिक व सामाजिक यात्रा का कार्यक्रम बनाया हैँ ताकि पार्टी संगठन उनकी यात्राओं को लेकर किसी तरह के सवाल नहीं उठा सके। इस यात्रा के दौरान वे मंदिरों में तो दर्शनों को जाएगी ही उसके साथ उन पार्टी नेताओं के घर भी पहुंचेगी जो पिछले दो सालों में दिवंगत हो गए। कोरोनाकाल के कारण राजे इन परिवारों के यहां जा नहीं सकी थी।

वसुंधरा राजे की इस यात्रा के लिए उनका समर्थक खेमा महीनों से तैयारियोंं में जुटा हैँ। वल्लभनगर व धरियावद में उपचुनाव के कारण उनका ये दौरा अटका पड़ा था चूंकि अब किसी तरह की बंदिश नहीं है इसलिए अब पहले चरण में मेवाड़ क्षेत्र का कार्यक्रम बनाया हैँ। जमीनी तौर पर अपने आपको सक्रिय दिखाने के लिए वसुंधरा राजे का ये दौरा राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सांवलिया सेठ के यहां से अपनी यात्रा की शुरुआत करेगी। उनका हैलीकाप्टर से जयपूर से सावंलिया जी सुबह 11.15 बजे पहुंचने का कार्यक्रम हैं। इसके बाद वे वहां से लसाडिया जाएगी और धरियावद के पूर्व विधायक स्व. गौत्तम लाल मीणा के घर पहुंच श्रद्धा सुमन अर्पित करेगी। लसाडिय़ा से अर्थुना में पूर्व मंत्री स्व. जीतमल खाट के निवास पहुंच श्रद्धांजलि अर्पित करेगी। वहां से पूर्व मंत्री भवानी जोशी के निवास पर जाने का कार्यक्रम हैं। इसके बाद शाम 5.30 बजे त्रिपुरा सुंदरी के दर्शन कर वहीं रात्रि विश्राम करेगी।

अगले दिन 24 नवम्बर को सुबह 9 बजे त्रिपुरा सुंदरी से रवाना होकर उदयपुर के ब्राह्मणों के खेड़ा गांव मेंं विधायक धर्म नारायण जोशी के घर पहुंच उनके भाई के निधन पर शोक प्रकट करेगी। वहां से उदयपुर पहुंच पूर्व मंत्री स्व. किरण माहेश्वरी के आवास पर जाकर श्रद्धासुमन अर्पित करने का कार्यक्रम हैं। वहां से 12.50 बजे चारभुजा मंदिर में दर्शन पूजा करेगी। चारभुजा से राजसमंद में द्वारकाधीश मंदिर में पहुंच दर्शन पूजा करेगीं। वहां से एकलिंगजी में दर्शनों के लिए जाएगी उसके बाद नाथद्वारा में रात्रि विश्राम करेंगी और अगले दिन दर्शन कर वहां से बेगूं में महाश्रमण जी से भेंट का कार्यक्रम हैं। बेगूं के ही राजपुरा गांव में पूर्व मंत्री चुन्नी लाल धाकड़ के निवास पर शोक प्रकट करेगीं।

वहां से जहाजपुर के पास अमरावसी गांव में शिवजीलाल मीणा के यहां शोक प्रकट करने जाएगीं। फिर भीलवाड़ा के ही गोर्वधनपुरा में स्थानीय कार्यक्रम में भाग लेगीं। उसके बाद भीलवाड़ा में रात्रि विश्राम कर 26 नवम्बर को बनेड़ा पहुंच हेमेन्द्रसिंह के घर संवेदना प्रकट करने जाएगी। वहां से अजमेर के सलेमाबाद में निम्र्बाकाचार्य महाराज के दर्शन कर पूजा अर्चना करेगी। वहां से पुष्कर में ब्रह्मा मंदिर में आरती पूजा करेगीं। वहां से अजमेर पंहुच दरगाह शरीफ में चादर चढाएंगी। उसके बाद पूर्व सांसद स्व. रासासिंह रावत के शोक प्रकट करने जाएगी। उसके बाद डॉ. प्रियाशील हाडा, श्रीकिशन सोनगरा व वासुदेव देवनानी के आवास पर भी पहुंचेगी तथा उसके बाद यात्रा का समापन कर जयपुर आएगीं।

उधर, भाजपा के प्रभारी महामंत्री अरूणसिंह भी इन दिनों कोटा संभाग के दौरे पर टिफिन मिटिंगें कर रहे हैं। सबसे खास बात यह है कि वसुंधरा राजे का मेवाड़ यात्रा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया से मिलने का कोई कार्यक्रम नहीं हैं।

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