जयपुर: नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद, जयपुर ने एक दो दिवसीय समारोह में राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस का आयोजन किया। इस समारोह का उद्देश्य ‘पोषण के लिए आयुर्वेद’ की थीम के साथ सेहत व उपचार के आयुर्वेदिक सिद्धांतों को प्रोत्साहित करना है। समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय आयुष मंत्री श्री सर्वानंद सोनोवाल ने घोषणा की, कि राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (NIA) के पंचकूला में बन रहे सेटेलाइट सेंटर के लिए केंद्र सरकार ने 260 करोड़ रूपये NIA को दे दिए है।
केंद्रीय आयुष, पोर्ट्स शिपिंग एवं जलमार्ग मंत्री, सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, ‘‘आयुर्वेद शारीरिक व मानसिक रूप से एक बीमारी रहित, सेहतमंद एवं लंबा जीवन जीने के महत्व के बारे में आम जनता के बीच जागरुकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। सेहतमंद जीवनशैली बनाए रखने में आयुर्वेद में असीम क्षमता है। भारत में यह गैरसंचारी बीमारियों के भार को कम करने में काफी बड़ा योगदान दे सकता है। आयुर्वेदिक इलाज के मामले में भारत का अद्वितीय इतिहास रहा है। भारत को आज आयुर्वेदिक विज्ञान की युगों पुरानी क्षमता का उपयोग कर दुनिया में एक आदर्श स्थापित करने की जरूरत है।’’
आयुष, महिला एवं बाल कल्याण के लिए केंद्रीय मंत्री, डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई कालूभाई ने कहा, ‘‘कोविड की महामारी ने सेहतमंद जीवन जीने के लिए सेहत और प्रिवेंटिव केयर के महत्व पर काफी बल दिया है। पूरी दुनिया सेहतमंद आहार एवं जीवनशैली का महत्व समझ चुकी है, जो केवल आयुर्वेद द्वारा ही संभव हो सकता है। इस समारोह में मौजूद प्रतिष्ठितगणों ने बताया कि वर्तमान पीढि़यों के मुकाबले पुरानी पीढि़यों के लोग सौ साल से ज्यादा समय तक जीवित रहते थे क्योंकि वो खान-पान की सर्वश्रेष्ठ विधियों का पालन करते थे। जीवन की घटती प्रत्याशा का मुख्य कारण है, फास्ट फूड का अत्यधिक प्रचलन और मिलावटी आहार का लिया जाना।
राजस्थान के मेडिकल शिक्षा, स्वास्थ्य एवं भारतीय चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा, ‘‘आज के युवा नियमित समय पर आहार नहीं करते, जिसके कारण छोटी आयु में ही जीवनशैली की समस्याएं शुरू हो जाती हैं। हमारे शरीर व मन के स्वास्थ्य के लिए खाने की मात्रा नहीं, खाने की गुणवत्ता का महत्व होता है। यह बात साबित हो चुकी है कि भारत डायबिटीज़ के मामले में दुनिया की राजधानी बनता जा रहा है। इसका भी मुख्य कारण अनियमित खान-पान है। आज समय है, जब हमें बीमारी से मुक्त, स्वस्थ व सेहतमंद बने रहने में आयुर्वेद की क्षमता को पहचानना होगा।’’
सांसद रामचरण बोहरा, जयपुर ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आयुर्वेद जीवन शैली को अपनाकर हम स्वस्थ रह सकते है साथ ही उन्होंने राजस्थान सरकार से अपील की, कि राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान की सुविधाओं में और ज्यादा बढ़ोतरी के लिए आवश्यक जमीन उपलब्ध कराई जाये।
वैद्य राजेश कोटेचा, सचिव, आयुष मंत्रालय ने कहा, हमने महत्वपूर्ण दस्तावेज एवं फिल्में रिलीज़ होते देखीं, उम्मीद है कि आम जनता को अपना स्वास्थ्य व सेहत बनाए रखने में इस समारोह का लाभ मिलेगा। हम आयुर्वेद को सबसे भरोसेमंद एवं प्रभावशाली इलाज में से एक के रूप में स्थापित करने के अपने मिशन के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह गैरसंचारी बीमारियों का भी प्रभावशाली इलाज करता है।
प्रोफेसर संजीव शर्मा, डायरेक्टर एवं कुलपति, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान ने कहा, ‘‘हमें छठवां राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाने पर खुशी व गर्व है। राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर ने इस दो दिवसीय समारोह का आयोजन काफी जोश व उत्साह के साथ किया है। यहां आयोजित जानकारीवर्धक सत्रों में मंत्रियों, नीति निर्माताओं, प्रशासनिक अधिकारियों एवं आयुर्वेद तथा अन्य क्षेत्रों के विद्वानों ने हिस्सा लिया और उनकी सराहना की।’’
इस समारोह में दैनिक दिनचर्या की पुस्तिका, आयुर्वेदिक स्वास्थ्य समीक्षा; एक पुस्तिका, पोषण के लिए आयुर्वेद; बच्चों व व्यस्कों के लिए उपयुक्त एनआईए न्यूट्री कुकीज़; तीन दुर्लभ प्रकाशनों के डिजिटाईज़्ड रूपांतरः आचार्य भट्टर हरीचंद्र द्वारा चरक न्यास पर टिप्पणी, चरक संहिता; आचार्य स्वामीकुमार की चरक पंजिका; आचार्य ज्योतिष चंद्र सरस्वती एवं चक्रदत्त तथा निश्चल कर और तत्वचद्रिका के रत्नप्रभा द्वारा 20 वीं सदी की शुरुआत में लिखी गई टिप्पणी, चरक प्रदीपिका के साथ चरक संहिता भी यहां पर प्रस्तुत किए गए। इसके अलावा, इस अवसर पर शॉर्ट वीडियो, सीसीआरएएस पब्लिकेशंस एवं फिल्म्स के साथ एक विशेष पांडुलिपि वेबसाईट पोर्टल भी लॉन्च किया गया।