रेवाड़ी/जयपुर: राजस्थान और हरियाणा के नामी गैंगस्टर विक्रम उर्फ पपला गुर्जर को मर्डर केस में कोर्ट ने दोषी करार दिया है। नारनौल के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (ASJ) सुधीर जीवन की कोर्ट ने 6 साल पहले हुए बिमला मर्डर केस में दोषी ठहराया। गैंगस्टर पपला को मंगलवार को कोर्ट ने सजा सुनाई। पपला के वकील कुलदीप सिंह ने जानकारी दी। बता दें कि पपला को इसी साल 28 जनवरी को राजस्थान की स्पेशल पुलिस फोर्स ने महाराष्ट्र के कोल्हापुर से गिरफ्तार किया था। बिमला की हत्या के मामले में वह अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद था और 29 सितंबर को उसे नारनौल की नसीबपुर जेल में शिफ्ट किया गया था।
कोर्ट कल सुनाएगा फांसी या फिर उम्रकैद की सजा
पीड़ित पक्ष के एडवोकेट अजय चौधरी ने बताया कि कुख्यात गैंगस्टर पपला गुर्जर को फांसी या फिर उम्रकैद हो इस पर कोर्ट मंगलवार को अपना फैसला सुनाएगा। अजय चौधरी के अनुसार, पपला को FSL, बिमला की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और मौके पर मौजूद बिमला के देवर दुड़ाराम की गवाही के आधार पर दोषी ठहराया गया है। FSL रिपोर्ट में बिमला को 23 गोलियां मारने के साथ ही दो हथियार यूज होने की बात सामने आई थी। एक 9MM पिस्टल और दूसरा देसी कट्टे की गोलियां उसके शरीर से निकाली गई थीं।
बिमला हत्याकांड
महेन्द्रगढ़ जिले के गांव खैरोली निवासी बिमला की पपला ने 21 अगस्त 2015 को गोली मारकर हत्या कर दी थी। बिमला की हत्या का आरोप उसी गांव के गैंगस्टर बिक्रम उर्फ पपला पर लगा था। महेन्द्रगढ़ सदर थाने में उसके खिलाफ 148, 149, 302, 120बी और आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी कर लिया था, लेकिन 5 सितंबर 2017 को कोर्ट में पेशी के दौरान पपला के साथी उसे अंधाधुंध फायरिंग करके छुड़ाकर ले गए थे। इस गोलीबारी में एक पुलिसकर्मी की मौत भी हुई थी।

2 साल पहले बहरोड़ थाने पर हमला करके छुड़ाया
पपला गुर्जर पर हरियाणा के अलावा राजस्थान में भी कई अपराधिक मामले दर्ज हैं। हरियाणा पुलिस के इस वांछित बदमाश को 6 सितंबर 2019 को चेकिंग के दौरान राजस्थान की बहरोड़ थाना पुलिस ने मोटी रकम के साथ हिरासत में लिया था। लेकिन उस वक्त पुलिस पपला को पहचाने में गच्चा खा गई थी। उसे सामान्य बदमाश समझ कर बहरोड़ थाने के लॉकअप में रखा गया था। उसी दिन सुबह पपला के साथियों ने एके-47 से बहरोड़ थाने पर हमला बोलते हुए पपला को पुलिस हिरासत से छुड़ा लिया था।