हाईकोर्ट ने दो CI, एक डिप्टी को रेंज से हटाने के दिए आदेश, नशे की तस्करी में आरोपी को बचाने का आरोप

हाईकोर्ट ने दो CI, एक डिप्टी को रेंज से हटाने के दिए आदेश, नशे की तस्करी में आरोपी को बचाने का आरोप

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने NDPS एक्ट के मामले में मुख्य आरोपी से मिलीभगत करके उसे बचाने की कोशिश करने वाले तीन पुलिस अधिकारियों को रेंज से बाहर करने के आदेश दिए हैं। जस्टिस फरजंद अली ने अपने आदेश में कहा कि डीजीपी पुलिस की गरिमा और सम्मान को बचाने के लिए मामले की पर्सनल मॉनिटरिंग करें। मामले में अदालत ने अजमेर रेंज में पोस्टेड अजमेर साउथ सिटी सीओ मुकेश सोनी, क्लॉक टॉवर थाना अधिकारी दिनेश कुमावत और एसओजी अजमेर यूनिट में पोस्टेड पुलिस निरीक्षक भूराराम खिलेरी को अजमेर रेंज से बाहर करने के आदेश दिए है। तीनों पर एनडीपीएस एक्ट के एक मामले में मुख्य आरोपी श्याम सुंदर मूंदड़ा से मिलीभगत कर उसे बचाने का आरोप हैं।

दरअसल, जस्टिस फ़रज़न्द अली की अदालत में एनडीपीएस के मामलें में जेल में बंद आरोपी कालूराम की जमानत का प्रकरण आया था। इस प्रकरण पर सुनवाई के दौरान कोर्ट के सामने कई तथ्य आए। इनसे पुलिस की मुख्य आरोपी से मिलीभगत होने की जानकारी मिली। इस पर कोर्ट के आदेश से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसओजी अजमेर यूनिट दिव्या मित्तल द्वारा पूरे प्रकरण की जांच की गई। इसमें यह साफ हो गया कि पूरे प्रकरण में थानाधिकारी दिनेश कुमावत और पुलिस निरीक्षक भूराराम खिलेरी ने कोई अनुसंधान नहीं किया।

वहीं, आरपीएस मुकेश सोनी ने बिना पत्रावली का अवलोकन किए। मुख्य आरोपी को मूंदड़ा पर से एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/22 हटाकर हल्की धाराओं को जोड़ दिया। इससे आरोपी आसानी से केस से बाहर निकल जाए। वहीं, कोर्ट के सामने सुनवाई के दौरान एक तथ्य यह भी आया कि अलवर गेट थाने में दर्ज इसी तरह के एक अन्य मामलें में भी यहीं आरोपी थे। इसी तरह से इन्हीं अधिकारियों ने उनसे मिलीभगत की थी। कोर्ट ने पूरे मामलें में एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल के नेतृत्व में टीम गठित करने का आदेश दिया है। जो 15 दिन में दोनों मामलों की जांच करके रिपोर्ट सब्मिट करेगी।

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