जयपुर। राज्य में खनि संपदा की संभावना, उपलब्धता, मांग व आपूर्ति के लिए सभी जिलों में सर्वे कराया जाएगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सभी जिलों की खनिज संपदा की डिस्ट्रिक सर्वे रिपोर्ट तैयार करवाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। जिला स्तरीय डिस्ट्रिक सर्वे रिपोर्ट तैयार होने पर संबंधित जिलों के जिला कलेक्टरों को प्रस्तुत की जाएगी। उन्होंने बताया कि जनसाधारण की जानकारी व प्रतिक्रिया के लिए यह रिपोर्ट 21 दिन के लिए वेबसाइट पर पब्लिक डोमेन पर भी प्रदर्शित की जाएगी। इसके बाद जिला कलक्टर की अनुसंशा के बाद स्टेट एनवायरमेंट इंपेक्ट एसेसमेंट ऑथोरिटी द्वारा स्टेट लेबल एक्सपर्ट अप्रेजल कमेटी से परीक्षण के बाद अनुमोदन की जा सकेगी।
एसीएस माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि कुछ जिलों में डिस्ट्रिक सर्वे रिपोर्ट तैयार करने का कार्य आरंभ हो चुका हैं वहीं सभी जिलों की जिलावार रिपोर्ट फरवरी तक तैयार कर संबंधित जिलों के जिला कलक्टरों को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस रिपोर्ट में जिले में उपलब्ध समस्त संभावित खनिज संपदा, उपलब्धता व खनिजों के भण्डार का आकलन किया जा सकेगा वहीं संबंधित खनिज की मांग व आपूर्ति की संभावनाओं का भी आकलन होगा।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि जिलावार डीएसआर बनाने से वर्तमान में जारी खनन गतिविधियों के साथ ही भविष्य की खनन संभावनाओं का भी पता लगाया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि इससे खनन खोज व खनन कार्य को गति मिलेगी वहीं पर्यावरणीय संतुलन को भी ध्यान में रखा जा सकेगा।
निदेशक माइंस संदेश नायक ने बताया कि राज्य में डिस्ट्रिक सर्वे रिपोर्ट तैयार करने का काम शुरु हो चुका है। सभी जिलों की रिपोर्ट फरवरी तक तैयार करवाई जा रही है। संदेश नायक ने बताया कि टोंक, भीलवाड़ा, अजमेर, चित्तोडगढ़, राजसमंद आदि जिलों की डिस्ट्रिक सर्वे रिपोर्ट लगभग तैयार हो गई हैं वहीं अन्य जिलों में भी कार्य आरंभ हो गया है। गौरतलब है कि माइंस विभाग स्तर पर डिस्ट्रिक सर्वे रिपोर्ट तैयार करवाने व मोनेटरिंग के लिए अतिरिक्त निदेशक बीएस सोढ़ा को नोडल अधिकारी बनाया गया है। सोढ़ा ने बताया कि समयपर डिस्ट्रिक सर्वे रिपोर्ट तैयार कराने के लिए मोनेटरिंग जारी है।