जयपुर : जयपुर नगर निगम में बीवीजी कंपनी से 20 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई। यह सुनवाई RSS के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम की ओर से दायर याचिका पर की गई। जिसमें कोर्ट ने एसीबी को इस मामले में दर्ज एफआईआर में अब तक किए गए अनुसंधान की स्टेटस रिपोर्ट 27 सितंबर को पेश करने के आदेश दिए हैं।
क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम में इस याचिका में स्वयं के खिलाफ दर्ज एफआईआर और एसीबी की कार्रवाई को रद्द करने का आग्रह किया है। याचिका में निंबाराम की तरफ से उनके अधिवक्ता ने कहा कि प्रकरण में बकाया भुगतान को लेकर जो वीडियो सामने आया है, उसमें भी रिश्वत को लेकर उनकी ओर से कोई बातचीत नहीं है।
एसीबी ने सत्ता के दबाव में आकर एफआईआर में याचिकाकर्ता का नाम शामिल किया है। इसलिए एफआईआर से याचिकाकर्ता का नाम हटाया जाए और उनके खिलाफ एसीबी की ओर से की जा रही जांच को रोका जाए। इस पर न्यायधीश सतीश कुमार शर्मा ने एसीबी को इस मामले में दर्ज की एफआईआर में अब तक की गई इन्वेस्टिगेशन की स्टेट्स रिपोर्ट को पेश करने के निर्देश दिए है।
क्या था मामला
आपको बता दें कि 10 जून को सोशल मीडिया पर ऑडियो और वीडियो वायरल हुए थे। इसमें एक कमरे में BVG कंपनी के प्रतिनिधि संदीप चौधरी से राजाराम गुर्जर की चाय पीते हुए बातचीत चल रही थी। इस बातचीत में आरएसएस से जुड़े प्रचारक निंबाराम भी नजर आ रहे थे। वायरल वीडियो के आधार पर एसीबी ने पूर्व मेयर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम, बीवीजी कंपनी के प्रतिनिधि ओमकार सप्रे, संदीप चौधरी और निंबाराम के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इस मामले में ओमकार सप्रे और राजाराम के खिलाफ तो एसीबी ने कोर्ट में चालान भी पेश कर दिया है, लेकिन संदीप चौधरी और निंबाराम के खिलाफ अब तक चालान पेश नहीं किया है।