जयपुर : प्रदेश के विभिन्न जिलों में कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्षेत्र के विस्तार के लिए 500 मैत्री केंद्र खुलेंगे। मैत्री केंद्र के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के 500 बेरोजगारों को स्वरोजगार का अवसर मिलेगा और पशुधन की नस्ल में सुधार होगा। राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड इसके लिए कार्य कर रहा है। पशुपालन विभाग के सभी जिला संयुक्त निदेशकों से सात दिन में इस मामले में रिपोर्ट मांगी गई है।
पशु धन विकास बोर्ड की ओर से कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्षेत्र के विस्तार के लिए मैत्री कार्यकर्ताओं के माध्यम से कृत्रिम गर्भाधान कार्य शुरू करने की पहल की है। इस योजना के अंतर्गत 500 मैत्री केन्द्र स्थापित किए जाएंगे।
इसके लिए प्रदेश में 500 इच्छुक बेरोजगार युवाओं को कृत्रिम गर्भाधान कार्य को स्वरोजगार के रूप में अपनाने वाले अभ्यर्थियों को कृत्रिम गर्भाधान कार्य का प्रशिक्षण दिया जएगा। ये प्रशिक्षित युवक संस्था विहीन ग्राम पंचायतों व दूरदराज के क्षेत्र जहां कृत्रिम गर्भाधान का कार्य नहीं हो रहा है वहां पर मैत्री केन्द्र स्थापित कर सकेंगे।
यहां खुलेंगे ये केंद्र
- जिले में ऐसे ग्राम व क्षेत्र जहां 1000 प्रजनन योग्य मादा पशु उपलब्ध हों।
- कृत्रिम गर्भाधान व अन्य पशुपालन से सम्बन्धित सुविधाएं उपलब्ध ना हों।
- पशुपालन विभाग की संस्था से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी हो।