प्रदेश के एक लाख घरों में गूंजा गायत्री महामंत्र

जयपुर। अखिल विश्व गायत्री परिवार की ओर से बुधवार को विश्व स्तरीय गृहे-गृहे यज्ञ अभियान के अन्तर्गत बुद्ध पूर्णिमा को राजधानी के करीब पांच हजार तथा प्रदेश भर में एक लाख घरों में गायत्री यज्ञ का आयोजन किया गया। घरों के अलावा कई मंदिरों, हॉस्पीटल, गोशालाओं और गांव-ढाणियों में भी गायत्री महामंत्र गूंजायमान हुआ। एक मोटे अनुमान के मुताबिक प्रदेश भर में पांच क्विंटल हवन सामग्री यज्ञ में अर्पित की गई। ब्रह्मपुरी और वाटिका स्थित गायत्री शक्तिपीठ सहित 24 चेतना केन्द्रों में बड़े स्तर पर यज्ञ हुआ। दुर्गापुरा स्थित गायत्री चेतना केन्द्र से सुशील शर्मा ने यज्ञ का संचालन किया। वहीं ब्रह्मपुरी स्थित गायत्री शक्तिपीठ में गायत्री प्रसाद ने यज्ञ करवाया।

गायत्री महामंत्र गायत्री महामंत्र

घर बैठे निभाई भागीदारी

अखिल विश्व गायत्री परिवार राजस्थान जोन के प्रभारी जयसिंह यादव ने बताया कि कोरोना महामारी निवारण के लिए हुए विशिष्ट आध्यात्मिक प्रयोग में लोगों ने घर बैठे भागीदारी की। ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड पर हुए यज्ञ के प्रति लोगों का उत्साह देखने लायक था। प्रदेशभर के गांवों और ढाणियों में यज्ञ के प्रति विशेष उत्साह दिखाई दिया। गायत्री परिवार के अन्तराष्ट्रीय मुख्यालय शांतिकुंज हरिद्वार से गायत्री परिवार के प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या और देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ. चिन्मय पंडया का इस दौरान विशेष उद्बोधन हुआ। डॉ. प्रणव पंड्या ने अपने प्रवचन ने यज्ञीय जीवन शैली अपनाने का आह्वान किया। सुबह 8 से 11 बजे के बीच हुए यज्ञ की शुरूआत में प्रांरभिक कर्मकांड करवाए गए। सभी देवी-देवताओं का आह्वान कर सोडशोपचार पूजन किया गया।

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पौधे लगाने और वर्षा जल के संरक्षण का लिया संकल्प

गायत्री, महामृत्युंजय मंत्र के अलावा कोरोना निवारण के लिए वेदों के विशिष्ट मंत्रों से भी आहुतियां अर्पित की गई। गायत्री परिवार, जयपुर के समन्वयक ओमप्रकाश अग्रवाल ने बताया कि लोगों ने यज्ञ की दक्षिणा के रूप में वर्षा ऋतु में अधिकाधिक पौधे लगाने और वर्षा जल के संरक्षण का संकल्प लिया। गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी के व्यवस्थापक रणवीर सिंह चौधरी ने बताया कि इस दौरान विश्वव्यापी संकट निवारण, दिवंगतों की आत्म शांति, पीड़ितों के पीड़ा निवारण एवं कोरोना वॉरियर्स की अमूल्य सेवाओं के प्रति आभार व्यक्त किया गया।

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