जयपुर। चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा है कि संक्रमित की पहचान कर कोरोना संक्रमण की कड़ी को तोड़ने के लिए जांच पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। चिकित्सा विभाग द्वारा कई टीमें बनाकर गांवों में व्यापक स्तर पर डोर टू डोर सर्वे करवाया जा रहा है।
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि सर्वे में जिन मरीजों में आईएलआई (खांसी, जुकाम, बुखार के लक्षण) केस मिलने पर उनका एंटीजन टेस्ट करवाया जा रहा है। एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट 20 से 30 मिनट में ही आ जाती है। मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव आने पर उन सबका आरटी पीसीआर टेस्ट भी करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा औसतन 80 हजार टेस्ट प्रतिदिन किए जा रहे हैं। सरकार की मंशा ज्यादा से ज्यादा कोरोना टेस्ट कर संक्रमण को नियंत्रित करने की है।
बच्चों के अस्पतालों का सुदृढिकरण
डॉ शर्मा ने कहा कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए चिकित्सा विभाग ने तैयारिया प्रारंभ कर दी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश के सभी शिशु चिकित्सालयों व अन्य यूनिटों में आईसीयू बैड्स की संख्या बढ़ाई जा रही है। साथ ही वहां ऑक्सीजन जनरेशन के प्लांट व सेंट्रलाइज ऑक्सीजन सिस्टम का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं पूरी प्रक्रिया पर निगरानी रखे हुए हैं और प्रतिदिन इसके संबंध में रिव्यू मीटिंग ले रहे हैं।
जून में मिल सकेंगी 12 लाख से ज्यादा वैक्सीन
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में वैक्सीन के अभाव में वैक्सीनेशन नहीं किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने जून माह में राजस्थान को 12 लाख 66 हजार डोज का कोटा आवंटित किया है, जबकि राज्य को 18 से 44 आयुवर्ग के वैक्सीनेशन के लिए करीब 7 करोड़ डोज की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जबकि प्रदेश की ओर से वैक्सीन आपूर्ति दोनों कंपनियों को करीब 59 करोड़ रुपए डोज के लिए दिए जा चुके हैं लेकिन इन कंपनियों से बहुत कम मात्रा में आपूर्ति हो रही है। जो कि धीमी वैक्सीनेशन प्रक्रिया का प्रमुख कारण है।