निराश्रित अनाथ बालक, बालिकाओं एवं विधवा महिलाओं को स्थाई आश्रय स्थलों में मिलेगा आश्रय

जयपुर। नगरीय विकास आवासन स्वायत्त शासन मंत्री शान्ति धारीवाल ने प्रदेश की नगरीय निकायों को निर्देशों दिये है कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान निराश्रित हुए अनाथ बालक, बालिकाओं एवं विधवा महिलाओं को चिन्हित कर उन्हे डे-एनयूएलएम योजना के अंतर्गत संचालित स्थाई आश्रय स्थलों में आगामी आदेशों तक आश्रय प्रदान किया जाये तथा इंदिरा रसोई के माध्यम से प्रतिदिन निःशुल्क भोजन उपलब्ध करवाया जाये साथ ही यदि निकाय में डे-एनयूएलएम योजना के अंतर्गत स्थाई आश्रय स्थल नहीं हो तो निकटतम निकाय में संचालित आश्रय स्थलों में बालक, बालिकाओं एवं विधवा महिलाओं को ठहरने की व्यवस्था की जावे।

धारीवाल ने निर्देश दिये है कि चिन्हित महिलाओ के लिए डे-एनयूएलएम योजना के एसएम एण्ड आईडी घटक के तहत स्वयं सहायता समूहों का गठन कर उनका प्रशिक्षण व क्षमतावर्धन करवाते हुए रोजगार एवं स्वरोजगार हेतु बैंक ऋण दिलाया जाये। यदि ऐसी महिलाएं पथ विक्रेता के रूप में व्यवसाय करती है, तो उन्हें वेंडिग कार्ड जारी कर प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि के अंतर्गत अनुदानित ऋण एवं वेंडिंग मार्केट में व्यवसाय हेतु प्राथमिकता से स्थान उपलब्ध करावें तथा अनाथ बालक, बालिकाओं, विधवा महिलाओं को उनकी योग्यता के अनुसार कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर रोजगार/स्वरोजगार से जोड़ा जावे।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा हाल ही में घोषणा की थी कि कोविड-19 (वैश्विक महामारी) की द्वितीय लहर के दृष्टिगत जिन परिवारों में माता-पिता दोनो की अथवा एकलजीवित की मृत्यु होने के कारण अनाथ हुए बच्चों को ‘पीएम केयर फाॅर चिल्ड्रन‘ के अतिरिक्त मुख्यमंत्री कोरोना बाल कल्याण योजना के अंतर्गत अनाथ बालक, बालिका की तत्काल आवश्यकता हेतु 1.00 लाख रू का अनुदान 18 वर्ष तक प्रतिमाह 2500/- रू. की सहायता दी जायेगी। इसी प्रकार 18 वर्ष पूर्ण होने पर 5.00 लाख रु. की सहायता 12वीं तक निःशुल्क शिक्षा, आवासीय विद्यालय अथवा छात्रावास के माध्यम से दी जायेगी।

कॉलेज में अध्ययन करने वाली छात्राओं को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में प्राथमिकता से प्रवेश दिया जायेगा। कॉलेज छात्रों के लिए आवासीय सुविधाओं हेतु अंबेडकर डी.बी.टी. वाउचर योजना का लाभ दिया जायेगा। युवाओं को मुख्यमंत्री युवा संबल योजना के अंतर्गत बेरोजगारी भत्ता दिये जान में प्राथमिकता से लाभ देय होगा। विधवा महिलाओं को 1.00 लाख रु. एक मुश्त अनुग्रहित राशि देय होगी तथा 1500 रू. प्रतिमाह विधवा पेंशन (सालाना आय की अनिवार्यता से मुक्त) एवं (सभी आयुवर्ग की महिलाओं को) विधवा महिलाओं के बच्चों को 1000 रू. प्रति बच्चा, प्रति माह तथा विद्यालय की पौशाक व पाठ्यपुस्तकों के लिए सालाना 2000 रू. का लाभ दिया जायेगा।

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