जयपुर: राज्य सरकार के जयपुर ग्रेटर मेयर पद से निलंबन के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट से स्थगन मिलने के बाद बुधवार को डॉ. सौम्या गुर्जर ने सात महीने बाद फिर से मेयर की कुर्सी संभाल ली है। भाजपा नेताओं व अपने समर्थकों के साथ निगम मुख्यालय पहुंच कर सौम्या ने एक बार फिर पदभार ग्रहण किया। सौम्या को न्यायिक जांच पूरी होने तक राहत मिली है, लेकिन सौम्या का भविष्य अभी भी न्यायिक जांच पर टिका हुआ है। वहीं, सौम्या गुर्जर के चार्ज दोबारा लेने को लेकर चल रही सुगबुगाहट के बीच सुबह से नगर निगम में हलचल मची हुई थी। सुरक्षा देखते हुए पुलिस और होमगार्ड के जवान पहले से तैनात हो गए। निगम परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया। दरअसल, सौम्या गुर्जर के पक्ष में सोमवार एक फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया था। इस आदेशों में कोर्ट ने न्यायिक जांच पूरी होने तक सौम्या गुर्जर को महापौर पद पर बने रहने के योग्य मानते हुए राज्य सरकार के 6 जून 2021 के आदेशों पर स्टे दे दिया था।
6 जून को किया था निलंबित
जयपुर नगर निगम ग्रेटर में आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव के साथ अभद्रता के मामले में राज्य सरकार ने पिछले साल 6 जून 2021 को सौम्या गुर्जर को महापौर के पद से निलंबित कर शील धाबाई को कार्यवाहक मेयर बनाया था। सौम्या गुर्जर के साथ पार्षद पारस जैन, अजय चौहान, रामकिशोर प्रजापत और शंकर शर्मा को निलंबित किया गया था।
2 दिन पहले धाभाई का कार्यकाल बढ़ाया था
गहलोत सरकार ने 31 जनवरी को ही कार्यवाहक मेयर शील धाभाई के कार्यकाल को अगले 60 दिन के लिए बढ़ाया था। ये चौथी बार था जब सरकार ने शील धाभाई का कार्यकाल को बढ़ाया। इससे पहले सरकार ने दिसंबर में आदेश जारी करके हुए 60 दिन के लिए कार्यकाल बढ़ाया था, जो आज एक फरवरी को पूरा हो रहा था।