जयपुर सहित छह शहरों की प्राधिकरण/न्यास भूमि पर 24 सौ मिलियन टन बेशकीमती खनिज भण्डार- एसीएस माइंस डॉ. अग्रवाल

खनिज

जयपुर। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम व पीएचईडी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि विभाग द्वारा जयपुर, जोधपुर सहित 6 शहरों के प्राधिकरण व नगर विकास न्यास की भूमि में 4615 हैक्टेयर क्षेत्र में 2 हजार 4 सौ मिलियन टन से अधिक खनिज भण्डारों का चिन्हीकरण और आंकलन किया गया है। उन्होंने बताया कि इन क्षेत्रों में वैध खनन अनुमति के लिए उच्च स्तर पर प्रयास करते हुए नगरीय विकास विभाग से आवश्यक अनुमति जारी कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। एक मोटे अनुमान के अनुसार इन भण्डारों में वैध खनन से राज्य सरकार को करीब 6 हजार 800 करोड़ रुपए के राजस्व प्राप्ति की संभावना है। अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल मंगलवार को सचिवालय में नगरीय क्षेत्र में खनिजों के खनन, वन भूमि मेें डायवर्जन और बजरी से संबंधित बिन्दुओं की समीक्षा कर रहे थे।

उन्होेंने बताया कि विभाग द्वारा किए गए खोज कार्य के अनुसार जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, अजमेर, बीकानेर, और भीलवाड़ा के शहरी क्षेत्र में चेजा पत्थर, सेण्ड स्टोन, पीला चूना पत्थर, ग्रेनाइट, बाल क्ले, सिलिका सेण्ड, बजरी, ग्रेवल, आयरन ओर के भण्डार उपलब्ध है। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि उपलब्ध खनिजों के अनुसार जयपुर में खनन लीज के 40 से 45 प्लॉट्स, जोधपुर में 400 से 600 प्लॉट्स, जैसलमेर में 40 से 45 प्लॉट्स, अजमेर में 240 से 250 प्लाट्स, बीकानेर मेें 80 से 100 प्लाट्स और भीलवाड़ा में 20 से 25 प्लाट्स की नीलामी की जा सकेगी। उन्होंने बताया कि इससे शहरी क्षेत्र में आ गए खनिज क्षेत्रों में वैध खनन हो सकेगा वहीं राज्य सरकार को राजस्व व रोजगार के अवसर मिल सकेंगे। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा शहरी क्षेत्र में आ गए खनन क्षेत्रों में खनन अनुमति जारी कराने के लिए नगरीय विकास विभाग से समन्वय बनाते हुए उच्च स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि विभाग द्वारा इन क्षेत्रों का चिन्हीकरण करने के साथ ही संभावित खनिजों का आंकलन कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा यह भी सुनिश्चित किया जा चुका है कि इन क्षेत्रों में खनन से पर्यावरण को लेकर भी किसी तरह का कोई मुद्दा नहीं है। बैठक मेें वन क्षेत्र में खनिज युक्त भूमि और वन विभाग से संबंधित बिन्दुओं पर भी चर्चा की गई। बैठक में उप सचिव माइंस राजेन्द्र शंकर मक्कड़, नीतू बारुपाल, ओएसडी महावीर मीणा, अतिरिक्त निदेशक बीएस सोढ़ा, अतिरिक्त निदेशक पीआर आमेटा, संजय मिंडा सहित वरिष्ट अधिकारी उपस्थित रहे।

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