गृहमंत्री शाह राजस्थान आकर अपराधों के विरुद्ध की गई कठोर कार्रवाई की जानकारी लें, हम चार्टर प्लेन भेज देंगे: सीएम गहलोत

गहलोत

जयपुर : दौसा में कांग्रेस विधायक जौहरी लाल मीणा के बेटे पर गैंगरेप के मामले में बीजेपी लगातार हमलावर है। वहीं अब इस मामले में अप्रत्यक्ष रूप से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बयान आया है। राज्य में रेप और बिगड़ती कानून व्यवस्था पर बीजेपी नेता जितेंद्र गोठवाल के प्रियंका गांधी को जयपुर आने के लिए रेल टिकट भेजने पर गहलोत ने पलटवार किया। सीएम गहलोत ने ट्वीट कर गृहमंत्री अमित शाह को जयपुर आने का बुलावा भेजा है। सीएम गहलोत ने कहा कि, हम चार्टर प्लेन भेजकर निवेदन करना चाहेंगे कि गृहमंत्री अमित शाह राजस्थान आएं और यहां आकर प्रदेश में कानून व्यवस्था के संबंध में किए गए नवाचारों एवं अपराध के विरूद्ध की गई कठोर कार्रवाई की जानकारी लें जिससे उनकी पार्टी के फैलाए भ्रम दूर हो सकें।

बता दें कि रविवार को ही बीजेपी नेता जितेंद्र गोठवाल ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के लिए शताब्दी ट्रेन का टिकट बुक करवाकर राजस्थान आने का आमंत्रण दिया था। जयपुर आने के लिए बीजेपी नेता ने ट्विटर पर प्रियंका गांधी के लिए टिकट की कॉपी भी शेयर की थी। जितेंद्र गोठवाल ने लिखा था कि, प्रियंका जी तुरंत जयपुर आइए, क्योंकि राजस्थान में भी लड़कियां लड़ नहीं पा रही हैं।

सीएम गहलोत ने प्रदेश में बढ़ते अपराधों को लेकर भारतीय जनता पार्टी के आरोपों को नकारते हुए ट्वीट कर दावा किया कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के मुताबिक 2020 में लॉकडाउन होने के बावजूद जब पूरे देश में गत वर्ष की तुलना में अपराधों में 28.03 प्रतिशत की वृद्धि हुई तब राजस्थान में 14.46 प्रतिशत की कमी हुई। एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में 2020 में डकैती, लूट, अपहरण, बलात्कार, बलवा, नकबजनी, चोरी सहित सभी तरह के अपराधों में कमी आई है। इस दौरान अमित शाह के गृहराज्य गुजरात में तो अपराध में 62.29 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। वर्ष 2021 में भी राजस्थान में 2019 की तुलना में 4.77 प्रतिशत की कमी हुई है।

FIR पंजीकरण को किया अनिवार्य

उन्होंने लिखा कि हमारी सरकार ने FIR पंजीकरण अनिवार्य करने का साहस दिखाया। अनिवार्य FIR पंजीकरण नीति लागू करते समय हमें पता था कि अपराध के आंकड़ों में बढ़ोतरी होगी एवं विपक्ष तथा मीडिया इस पर सवाल उठाएगा परन्तु हर पीड़ित को इंसाफ दिलाने के लिए हमने यह नीति लागू की। पहले पॉक्सो एक्ट के पीड़ित कार्रवाई ना होने के डर से मन मसोस कर रह जाते थे परन्तु अब उनका सरकार में भरोसा जागा है और वह FIR दर्ज करवा रहे हैं। पुलिस हर FIR को एक तार्किक अंत तक पहुंचा रही है और अपराधियों को सजा मिल रही है।

सीएम गहलाेत ने लिखा कि अनिवार्य FIR पंजीकरण नीति लागू होने से पूर्व महिला अपराधों की 33.4 प्रतिशत FIR अदालतों सीआरपीसी 156 (3) से इस्तगासे के माध्यम से दर्ज होती थीं परन्तु इस नीति के बाद यह संख्या सिर्फ 16 प्रतिशत रह गई है। महिला अत्याचारों का अनुसंधान समय भाजपा सरकार के दौरान 2017-18 में 274 दिन हुआ करता था, जो अब अब 79 दिन रह गया है। महिला अपराधों के लिए हर जिले में एडिशनल एसपी की नियुक्ति की गई है। अदालत से भी कोई अपराधी बच ना सके, इसलिए लीगल ऑफिसर्स की नियुक्ति की है। इन सभी कदमों से पीड़ितों को राहत मिली है एवं अपराधियों में भय व्याप्त हुआ है। मैंने प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री को पत्र लिखकर आग्रह किया कि पूरे देश में अनिवार्य FIR पंजीकरण नीति लागू हो, जिससे सभी प्रदेशों के असल आंकड़े सामने आ सकें परन्तु अभी तक ऐसा नहीं हुआ है।

गहलोत ने स्पष्ट किया कि अनिवार्य एफआईआर पंजीकरण के बावजूद अपराधों में कमी दिखाता है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति भाजपा शासित राज्यों से बेहतर है। हमारी सरकार के 3 सालों में पॉक्सो एक्ट के 620 मामलों में सजा सुनाई गई है। इनमें 7 को फांसी एवं 137 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। हम भाजपा की तरह अपराध पर राजनीति नहीं करते अपितु अपराधियों को कठोर दंड देकर उन्हें अंजाम तक पहुंचाते हैं।

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