सरकार कांग्रेस की, राजनैतिक नियुक्तियां पा गए बागी और भाजपाई

सरकार कांग्रेस की, राजनैतिक नियुक्तियां पा गए बागी और भाजपाई

जयपुर। स्थानीय निकायों और राशन दुकान आवंटन की समितियों में बागियों और भाजपा पदाधिकारियों के नाम आने से बवाल खड़ा हो गया है। इसकी शिकायत दिल्ली तक पहुंची हैं। ये मुद्दा प्रदेश कांग्रेस पदाधिकारियों की बैठक में भी उठा था,लेकिन ये कहकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा ने विवाद को दरकिनार कर दिया कि ऐसा कुछ नहींं हुआ है फिर भी दिखवा लेंगे। पीसीसी अध्यक्ष के आश्वासन के बावजूद गड़बड़ी सामने आने से नया राजनैतिक शीतयुद्ध छिड़ गया हैं। सबसे अहम बात तो यह है कि पायलट के निर्वाचन क्षेत्र टोंक में ये गड़बडिय़ा हुई है।

भाजपा पदाधिकारी पा गए नियुक्तियां

भरतपुर में भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष हंसिका सिंह तक को राशन आंवटन कमेटी में शामिल करने पर आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा हैं। डीग में भाजपा नेता को पार्षद मनोनीत करने के खिलाफ भी विरोध के स्वर उठ रहे है।

टोंक में कहां-कहां हुई बागियों की नियुक्ति

टोंक में तो पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट समर्थक निवर्तमान जिलाध्यक्ष लक्ष्मण गाता ने प्रदेश प्रभारी अजय माकन और प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को चिट्ठी भी लिखी है जिसमें बागियों को पार्षद मनोनीत करने को कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ धोखा बताते हुए उनकी नियुक्तियां रद्द करने की मांग की है।

माकन को भेजी गई चिट्ठी में लिखा है- टोडारायसिंह में नौरतमल और ललीता जैन को पार्षद मनोनीत किया। नौरतमल की पत्नी मैना देवी ने बागी चुनाव लड़ा। ललिता जैन के देवर कांग्रेस के बागी थे। ब्लॉक कांग्रेस कमेटी टोडारायसिंह के अध्यक्ष रामप्रसाद साहू ने भी प्रदेश प्रभारी अजय माकन,मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, PCC अध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा,पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को पार्षदों के मनोनयन को लेकर शिकायत की हैं।। मालपुरा में रवि माहेश्वरी और मरगूब अहमद को पार्षद मनोनीत किया। मरगूब अहमद ने बागी होकर चुनाव लड़ा, रवि मोहश्वरी पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। प्रदेश कांग्रेस के पास ऐसी कई शिकायतें आई हैं, पर प्रदेशाध्यक्ष लाचार से नजर आ रहे हैं,क्योंकि पार्षदों के मनोनयन वाला महकमा यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल का है और वे पहले ही अध्यक्ष को टका सा उत्तर दे चुके हैं।

AICC के निर्देशों का भी उल्लंघन

पार्षद मनोनय में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी(AICC) ने निर्देश दिए थे कि जिन्हें पहले टिकट मिल चुके या जिनके परिवार से कोई जनप्रतिनिधि हैं उन्हें मौका नहीं मिलेगा। इस प्रावधान की बहुत से निकायों में जमकर उल्लंघन करने की शिकायतेें प्रदेश कांग्रेस को मिली हैंं। पिछले दिनों हुई बैठक में भी पार्टी पदाधिकारियों ने यह मुद्दा उठाया था।

 

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