नई दिल्ली : छह बार की विश्व चैम्पियन एम सी मैरीकॉम ने गुरूवार को अपने फ्लाईवेट (51 किग्रा) प्री क्वार्टरफाइनल में ‘खराब फैसलों’ के लिये अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के मुक्केबाजी कार्यबल को जिम्मेदार ठहराया जिसमें तीन में से दो राउंड जीतने के बावजूद उन्हें हार का सामना करना पड़ा। आईओसी द्वारा अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) के कथित कुशासन और वित्तीय गड़बड़ी के लिये प्रतिबंधित किये जाने के बाद कार्यबल ही तोक्यो में मुक्केबाजी प्रतियोगिता आयोजित कर रहा है।
मैरीकॉम ने कोलंबिया की इंग्रिट वालेंसिया से प्री क्वार्टर फाइनल में हार के बाद तोक्यो से पीटीआई से फोन पर साक्षात्कार में पूछा, ‘‘मैं नहीं जानती और इस फैसले को नहीं समझ सकती, कार्यबल के साथ क्या गड़बड़ है? आईओसी के साथ क्या गड़बड़ है? ’’ मैरीकॉम ने कहा, ‘‘मैं भी कार्यबल की एक सदस्य थी। मैं साफ सुथरी प्रतियोगिता सुनिश्चित करने के लिये उन्हें सुझाव भी दे रही थी और उनका सहयोग भी कर रही थी। लेकिन उन्होंने मेरे साथ क्या किया? ’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं रिंग के अंदर भी खुश थी, जब मैं बाहर आयी, मैं खुश थी क्योंकि मेरे दिमाग में था कि मैं जानती थी कि मैं जीत गयी थी। जब वे मुझे डोपिंग के लिये ले गये तो भी मैं खुश थी। जब मैंने सोशल मीडिया में देखा और मेरे कोच (छोटे लाल यादव ने मुझे दोहराकर बताया) तो मुझे अहसास हुआ कि मैं हार गयी थी।’’ मैरीकॉम ने कहा, ‘‘मैंने पहले इस मुक्केबाज को दो बार हराया है। मैं विश्वास ही नहीं कर सकी कि रैफरी ने उसका हाथ उठाया था। कसम खाती हूं कि मुझे अहसास ही नहीं हुआ कि मैं हार गयी थी, मुझे इतना भरोसा था।
मैरीकॉम ने कहा, ‘‘एक मिनट या एक सेकेंड के अंदर एक एथलीट का सब कुछ चला जाता है। जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं जजों के फैसले से निराश हूं।
लेकिन वह खेल को अलविदा कहने के मूड में नहीं हैं जबकि उनका ओलंपिक का सफर तोक्यो सत्र में ही खत्म हो गया है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं ब्रेक लूंगी, परिवार के साथ समय बिताऊंगी। लेकिन मैं खेल नहीं छोड़ रही हूं। अगर कोई टूर्नामेंट होता है तो मैं जारी रखूंगी और अपना भाग्य आजमाऊंगी।