धारीवाल, महेश जोशी व धर्मेंद्र राठौड़ को कारण बताओ नोटिस… 10 दिन में मांगा जवाब

धारीवाल, महेश जोशी व धर्मेंद्र राठौड़ को कारण बताओ नोटिस... 10 दिन में मांगा जवाब

नई दिल्ली। राजस्थान कांग्रेस में छिडे़ सियासी संग्राम को लेकर कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी काफी खपा हैं। उन्होंने आज राजस्थान के नाटकीय घटनाक्रम की रिपोर्ट मिलते ही अनुशासन समिति के सदस्य सचिव तारिक अनवर को बुला संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल, मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी और आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ को कारण बताओ नोटिस हाथों हाथ जारी करवा डाला। प्रभारी अजय माकन ने राजस्थान को लेकर अपनी लिखित रिपोर्ट आज ही कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजी थी जिसमे सीएम अशोक गहलोत के करीबी माने जाने वाले मंत्री शांति धारीवाल और महेश जोशी व आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ को प्रमुख रूप से दोषी बताया गया है। रिपोर्ट के बाद ही अनुशासन समिति ने कार्रवाई करते हुए तीनों को कारण बताओ नोटिस दिया है।

इस नोटिस पर सभी को 10 दिन में अपना जवाब पेश करने को कहा गया हैं। माकन ने अपनी रिपोर्ट में संसदीय कार्य मंत्री के घर पर विधायक दल की बैठक से पहले अनौपचारिक रूप से विधायकों को एकत्रित करके बरगलाने और मुख्य सचेतक महेश जोशी व धर्मेंद्र राठौड़ पर विधायकों को फोन कर बुलाने का दोषी माना गया हैं। 9 पृष्ठों की इस रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद कांग्रेस अनुशासन समिति इस घटनाक्रम में शामिल कई अन्य नेताओं के खिलाफ भी कार्रवाई कर सकती हैं। रिपोर्ट को गंभीर मानते हुए अनुशासन समिति के चेयरमैन ए. के.एंटोनी को दिल्ली बुलाया गया हैं। सूत्रों के अनुसार अगले कुछ दिनों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी दिल्ली तलब किया जा सकता हैं। राजस्थान के घटनाक्रम को गंभीर मानते हुए भारत यात्रा विश्राम के दिन राहुल गांधी के भी दिल्ली पहुंचने की संभावना हैं।

धारीवाल, महेश जोशी व धर्मेंद्र राठौड़ को कारण बताओ नोटिस... 10 दिन में मांगा जवाब

अजय माकन और खड़गे की रिपोर्ट में रविवार और सोमवार के घटनाक्रम का ब्योरा देने के साथ ही विधायक दल की बैठक के विपरीत शांति धारीवाल के घर बैठक बुलाने को हाईकमान के आदेशों और पार्टी की स्थापित परंपरा का उल्लंघन मानते हुए एक्शन लेने की सिफारिश की गई थी। रिपोर्ट में इस घटना को कांग्रेस हाईकमान को सीधी चुनौती और अनुशासन तोड़कर पार्टी की छवि खराब करने वाला बताया था।

CM से पूछकर बैठक रखी थी
रिपोर्ट में लिखा है कि विधायक दल की बैठक रविवार शाम 7 बजे CM निवास पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से सलाह करके तय की गई थी। हम बैठक के लिए वहां देर रात तक इंतजार करते रहे, लेकिन मुख्यमंत्री के समर्थक विधायक नहीं पहुंचे। विधायक दल की बैठक में आने की जगह गहलोत समर्थक विधायक संसदीय कार्य और UDH मंत्री शांति धारीवाल के घर बैठक करके हाईकमान को ही चैलेंज करने लगे।

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रात में तीन मंत्रियों ने तीन मांगें रखकर दबाव बनाया
माकन ने रिपोर्ट में लिखा है- विधायक दल की बैठक में आने की जगह गहलोत समर्थक विधायकों ने पहले शांति धारीवाल के आवास पर बैठक कर नारेबाजी की और हाईकमान को चैलेंज किया। इसके बाद रात में ही स्पीकर सीपी जोशी के बंगले पर जाकर सामूहिक इस्तीफे दिए।

इस घटनाक्रम के बाद देर रात उनके प्रतिनिधि के तौर पर पहुंचे तीन मंत्रियों ने दबाव बनाया कि वन टू वन विधायकों से नहीं मिलकर सामूहिक रूप से मिला जाए। 19 अक्टूबर तक नए CM पर राय नहीं ली जाए और अशोक गहलोत की पसंद का ही CM हो, सचिन पायलट और उनके किसी समर्थक को CM नहीं बनाया जाए। रिपोर्ट में लिखा है कि तीनों मंत्रियों ने इन बातों को प्रस्ताव में लिखने का दबाव बनाया, जबकि अब तक कांग्रेस में एक लाइन का ही प्रस्ताव पारित होता आया है।

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विधायक दल की बैठक का बहिष्कार और सामूहिक इस्तीफों से पार्टी की छवि खराब
रिपोर्ट में लिखा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक मंत्रियों और विधायकों के विधायक दल की बैठक के बहिष्कार और इस्तीफे के प्रकरण से पार्टी की छवि खराब हुई है। इसके जरिए पार्टी के वर्षों से जारी परिपाटी को चुनौती दी गई है। इस घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की सिफारिश की गई है।

 

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