नई दिल्ली: राजस्थान के प्रशासनिक इतिहास में यह दूसरा मौका है जब किसी महिला आईएएस को प्रदेश के सर्वोच्च प्रशासनिक पद मुख्य सचिव के पद पर आसीन होने का अवसर मिला है। भौगोलिक दृष्टि से देश के सबसे बड़े प्रदेश की मुख्य सचिव बनने से पहलें वे दिल्ली में केन्द्रीय खेल एवं युवा मंत्रालय में सेवारत थी।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उत्तर प्रदेश में जन्मी उषा शर्मा को मुख्य सचिव बना कर प्रदेश की आधी आबादी और पार्टी हाईकमान तक एक अच्छा सन्देश दिया है।उषा शर्मा का कार्यकाल अगले वर्ष जून 2023 तक है और नवम्बर-दिसम्बर 2023 में प्रदेश में विधानसभा के चुनाव भी होने है। उषा शर्मा विधानसभा अध्यक्ष डॉ सी पी जोशी की निकटतम रिश्तेदार है। डॉ.सी.पी.जोशी दक्षिणी राजस्थान के मेवाड़ में कांग्रेस के दिग्गज नेता माने जाते है।माना जाता है कि प्रदेश में सत्ता की सीढ़ी चढ़ने का मार्ग मेवाड़ में मिलने वाले बहुमत से होकर ही निकलता है। हालाँकि सीपी जोशी विधानसभा अध्यक्ष के संवैधानिक पद पर है और अगली विधान सभा के गठन होने तक
वे अध्यक्ष बने रहेंगे।
उषा शर्मा को केन्द्र और राजस्थान में विभिन्न पदों पर काम करने का लम्बा प्रशासनिक अनुभव है। वे गहलोत के मुख्यमंत्री के रूप में पहले के दो कार्यकालों में अजमेर जिला कलक्टर और अन्य महत्वपूर्ण विभागों में सेवाएँ दे चुकी है।उन्होंने अजमेर कलक्टर रहते अकाल राहत कार्यों के प्रबंधन और प्रदेश में पर्यटन विभाग के आयुक्त और प्रमुख सचिव के रूप में अपनी सेवाएँ देने के साथ ही केन्द्र में पर्यटन,पुरातत्व,खेल एवं युवा मंत्रालयों और अन्य महकमों में बेहतरीन कार्य किए हैं।उनके पति बी.एन.शर्मा भी भारतीय प्रशासनिक सेवा में केन्द्र और राज्य में कई महत्वपूर्ण पदों में सेवाएँ दे चुके है। बिजली विभाग उनका पसंदीदा विषय रहा है और सेवानिवृति के पश्चात वर्तमान में भी वे इस क्षेत्र में ही विद्युत नियामक आयोग में पदस्थापित होकर प्रदेश की सेवामें लगे हुए है।
उषा शर्मा एक अच्छी प्रशासक है। वे बहुत ही संवेदनशील, सहृदय, मिलनसार,व्यवहार कुशल और हँसमुख स्वभाव के साथ ही अनुशासन पसन्द एवं कोताही करने वालों के खिलाफ़ सख़्त प्रशासक के रूप में त्वरित कार्यवाही करने वाली एक काबिल अफ़सर है।
उषा शर्मा ने मुख्य सचिव का पद भार सम्भालते ही अपने इरादों को प्रकट कर दिया है और कहा है कि प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए उनकी प्राथमिकता गहलोत सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने के साथ ही प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देना और पर्यटन विकास आदि रहेंगी।नवनियुक्त मुख्य सचिव ने कहा कि सभी जनसमस्याओं का मुस्तेदी से निस्तारण करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। साथ ही महिलाओं से संबंधित सभी फ्लैगशिप योजनाओं का क्रियान्वयन भी सुनिश्चित किया जाएगा। शासन में जनसहभागिता को महत्व दिया जाएगा।
नई सीएस ने कहा कि वे आमजन के दर्द को भली भांति समझती है। उनका लक्ष्य मुख्यमंत्री की मंशानुरुप राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन को सुनिश्चित करना रहेगा। कानून व्यवस्था तथा प्रदेश की अन्य प्राथमिकताएं उनके ज़ेहन में हैं। दिल्ली में रहते हुए वे कभी प्रदेश से दूर नहीं रही। “पधारो म्हारो देश” के स्लोगन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यहां आने वाले हर किसी का राजस्थान की गौरवशाली परम्पराओं के अनुरूप स्वागत होगा ताकि सभी प्रदेश के साथ भावनात्मक रुप से जुड़े और राज्य में बेहतर निवेश आ सके। महिला सीएस बनाये जाने पर उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार प्रकट करते हुए कहा कि वे महिला उत्थान के कार्यक्रमों को विशेष रूप से क्रियान्वित करने का प्रयास करेगी। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने पर भी उनकी पूरी नजर रहेगी।
भारतीय प्रशासनिक सेवाओं में 1985 बैच की राजस्थान केडर की आईएएस अधिकारी शर्मा ने सोमवार को शासन सचिवालय जयपुर में मुख्य सचिव के पद का कार्यभार ग्रहण किया।उन्होंने निवर्तमान मुख्य सचिव निरंजन आर्य का स्थान लिया है।सीएस उषा शर्मा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से उनके सिविल लाईन स्थित राजकीय निवास पर मुलाकात की ।
उषा शर्मा अपने सुदीर्घ प्रशासनिक कार्यकाल में इससे पहले केन्द्रीय सचिव, युवा कार्यक्रम विभाग, महानिदेशक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, केन्द्रीय अतिरिक्त सचिव प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग, आयुक्त उद्योग, जयपुर विकास प्राधिकरण आयुक्त, जिला कलक्टर बूंदी, अजमेर इत्यादि जैसे महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे चुकी है।
उल्लेखनीय है कि उषा शर्मा से पहले कुशल सिंह प्रदेश की पहली महिला मुख्य सचिव रह चुकी है।