नई दिल्ली: भाजपा के 42वें स्थापना दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वे आजादी के अमृत महोत्सव को कर्तव्यकाल में बदल दें। उन्होंने विपक्ष पर भी निशाना साधा और कहा कि आज देश में दो तरह की राजनीति चल रही है। एक परिवार भक्ति की और एक राष्ट्र भक्ति की।
मोदी ने हाल ही में 5 राज्यों में हुए चुनाव का भी जिक्र किया और कहा- 4 राज्यों में भाजपा सरकार की वापसी से कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी और ज्यादा बढ़ गई है। मोदी ने अपने भाषण को नवरात्रि से जोड़ते हुए कहा कि स्कंदमाता का आशीर्वाद हमेशा पार्टी और कार्यकर्ताओं पर बना रहे।
मोदी ने जनसंघ से लेकर भाजपा तक पार्टी के निर्माण में खुद को खपाने वाले महापुरुषों को नमन करते हुए कहा कि आज का स्थापना दिवस तीन वजहों से अहम है। इस समय हम देश की आजादी के 75 साल का जश्न मना रहे हैं। ये प्रेरणा का बहुत बड़ा अवसर है। दूसरा- तेजी से बदलती हुई वैश्विक परिस्थितियां। तीसरा- 4 राज्यों में भाजपा के डबल इंजिन की सरकार वापस लौटी। तीन दशक बाद राज्यसभा में किसी पार्टी के सदस्यों की संख्या 100 तक पहुंची है।
प्रधानमंत्री बोले कि भाजपा का दायित्व, कार्यकर्ताओं का दायित्व लगातार बढ़ रहा है। इसलिए भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता देश के सपनों का प्रतिनिधि है। इस अमृतकाल में भारत की सोच आत्मनिर्भरता की है। लोकल को ग्लोबल बनाने की है। सामाजिक न्याय की है। समरसता की है। इन्हीं संकल्पों को लेकर विचार के रूप में हमारी पार्टी की स्थापना हुई। ये अमृतकाल हमारे कार्यकर्ता के लिए कर्तव्य काल है। हमें देश के संकल्पों के साथ निरंतर जुड़े रहना है और खुद को खपा देना है।
मोदी ने कहा- एक समय था जब लोगों ने मान लिया था कि सरकार किसी की भी आए, लेकिन देश का कुछ नहीं हो पाएगा लेकिन आज देश का एक-एक जन गर्व से यह कह रहा है कि देश बदल रहा है। जब पूरी दुनिया दो विरोधी ध्रुवों में बंटी हो, तब भारत को एक देश के रूप में देखा जा रहा है, जो दृढ़ता के साथ मानवता की बात कर सकता है।
प्रधानमंत्री बोले कि हमारे देश में दशकों तक कुछ राजनीतिक दलों ने सिर्फ वोट बैंक की राजनीति की है। भाजपा ने इस वोट बैंक की राजनीति को टक्कर दी है। कुछ राजनीतिक दल हैं, जो सिर्फ और सिर्फ अपने-अपने परिवार के हितों के लिए काम करते हैं। परिवारवादी सरकारों में परिवार के सदस्यों का स्थानीय निकाय से लेकर संसद तक दबदबा रहता है। ये अलग राज्यों में हों, पर परिवारवाद के तार से जुड़ रहते हैं। एक दूसरे के भ्रष्टाचार को ढंककर रखते हैं। इन परिवारवादी पार्टियों ने देश के युवाओं को भी आगे नहीं बढ़ने दिया। उनके साथ हमेशा विश्वासघात किया है। आज हमें गर्व होना चाहिए कि आज भाजपा ही इकलौती पार्टी है, जो इस चुनौती से देश को सजग कर रही है।