जम्मू और कश्मीर में अब हर छात्र पी रहा शुद्ध जल

नई दिल्ली : केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के नाम एक और उपलब्धि दर्ज हो गई है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के बाद स्कूलों तथा आंगनवाड़ी केंद्रों में नल से जल पहुंचाने वाला यह दूसरा केंद्र शासित प्रदेश बन गया है। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि जम्मू और कश्मीर के सभी 22,422 स्कूलों और 23,926 आंगनवाड़ी केंद्रों में नल के कनेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं।

शेखावत ने कहा कि जल जीवन मिशन के माध्यम से ‘विकास की गंगा’ बह रही है। धरती के स्वर्ग की पाठशालाओं और आंगनवाड़ी केंद्रों में सुचारू नल कनेक्शन स्थापित हो चुके हैं। नौनिहालों को पीने के लिए शुद्ध जल मिल रहा है। कश्मीरी भाई-बहनों ने जिस कश्मीर का सपना देखा था, उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साकार कर रहे हैं।

जल जीवन मिशन, जम्मू और कश्मीर के एमडी शैय्यद आबिद रशीद शाह ने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश के हर स्कूल में नल का कनेक्शन पहुंचाना और शुद्ध जल की आपूर्ति बहाल करने का लक्ष्य कठिन था, लेकिन हमने यह काम समय से पहले पूरा किया। स्कूलों में भविष्य में भी जलापूर्ति स्थाई रहे, इसके लिए निरंतर मॉनिटरिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर और स्रोतों को सुचारू रखना सुनिश्चित करेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू और कश्मीर के शत-प्रतिशत स्कूलों तथा आंगनवाड़ी केंद्रों में शुद्ध जल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का अभिनंदन किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जम्मू और कश्मीर शांति तथा समृद्धि का पर्याय बन रहा है।

पिछले साल शुरू हुआ था 100 दिन का अभियान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 सितंबर 2020 को देशभर के स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का आह्वान किया था। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री शेखावत ने 2 अक्टूबर 2020 को जल जीवन मिशन के तहत 100 दिनों के अभियान का शुभारंभ किया। शेखावत ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों तथा राज्यपालों को पत्र लिखकर स्कूलों में पेयजल और शौचालयों में हाथ धोने का पानी उपलब्ध कराने का आग्रह भी किया था।

वर्ष 2022 तक हर घर में होगा नल कनेक्शन

शेखावत ने बताया कि जम्मू और कश्मीर ने जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2022 तक हर ग्रामीण घर में नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य में 18,35,190 ग्रामीण परिवार हैं, जिनमें से 10,27,000 (56 प्रतिशत) से अधिक में नल से जल पहुंचाया जा रहा है। गांदरबाल और श्रीनगर तो पूरी तरह से हर घर नल जिला बन गए हैं। केंद्र शासित प्रदेश में 1056 गांव ऐसे हैं, जहां के घरों में अब पीने का शुद्ध पेयजल उनके नल से मिल रहा है।

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