नई दिल्ली : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को दी जाने वाली बैंकों की गुप्त निरीक्षण रिपोर्ट को आरटीआई (RTI) के दायरे में लाने के खिलाफ कई बैंकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। SBI, HDFC, Axis बैंक समेत कई बैंक RTI के तहत जानकारी साझा करने के खिलाफ एकजुट हो गए हैं। बैंकों ने बड़े डिफॉल्टर्स की जानकारी आरटीआई के जरिए मांगे जाने का विरोध किया है।
सुप्रीम कोर्ट में SBI ने कहा कि हम ग्राहकों की निजी जानकारी साझा कर ग्राहकों का भरोसा कैसे तोड़ सकते हैं। जब देश में डाटा प्राइवेसी के लिए युद्ध चल रहा है और वही आप हमे RTI के दायरे में ला ग्राहकों के डाटा साझा करने के लिए कह रहे है। याचिका की सुनवाई के दौरान एसजी तुषार मेहता SBI और मुकुल रोहतगी HDFC की ओर से पेश हुए।
SBI की ओर से कहा गया कि जस्टिस कलिफुल्ला की दो जजों वाली बेंच ने आरबीआई से डिफॉल्टर्स के निजी जानकारी मांगी है। सुप्रीम कोर्ट को चाहिए कि इस मसले को तीन जजों की बेंच को रेफर कर दे, आदेश के खिलाफ अवमानना वाली याचिका पर सुनवाई ना की जाए। हमारे पास ग्राहकों का भरोसा और विश्वास है, हम इसे कैसे तोड़ सकते हैं। लोगों ने आरटीआई को बिजनेस बना लिया है, कोर्ट को इस बात ध्यान रखना चाहिए.हम पारदर्शिता के समर्थन में हैं लेकिन हम किसी ग्राहक की निजी जानकारियां कैसे साझा कर सकते हैं।
Axis Bank और HDFC Bank ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि RTI कानून केवल सरकारी दफ्तरों और संस्थानों पर लागू होती है।प्राइवेट बैंक इसके तहत नहीं आते हैं। आरबीआई के निरीक्षण रिपोर्ट के आड़ में तथाकथित कार्यकर्ता प्राइवेट बैंकों के ग्राहकों की निजी जानकारी मांग रहे हैं। उनका काम जानकारी जुटाना है। हर किसी को पता है कि आरटीआई का इस्तेमाल किस लिए होता है.। आरबीआई का अलग-अलग बैंकों के साथ प्रत्ययी संबंध है। जानकारी साझा करने से थर्ड पार्टी के प्रतिस्पर्धी स्थिति को नुकसान होगा।