अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि महाराज का निधन

प्रयागराज : प्रयागराज में भारतीय आखड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध हालात में मौत हो गई है। पुलिस के मुताबिक, उनका शव अल्लापुर में बांघबरी गद्दी मठ के कमरे में फंदे से लटका मिला है। जांच-पड़ताल की जा रही है। पोस्टमार्टम के बाद ही घटना का कारण साफ हो पाएगा। आइजी रेंज केपी सिंह ने बताया कि वह मौके पर पहुंच गए हैं। फिलहाल यह फांसी लगाकर आत्महत्या का मामला लग रहा है। फॉरेंसिक टीम को घटनास्थल पर बुलाया गया है। मठ पर बड़ी संख्या में भक्त और श्रद्धालु भी पहुंच गए हैं।

शिष्य आनंद गिरि को उत्तराखंड की पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरि ने आनंद गिरि और दो अन्य लोगों पर आरोप लगाया था, जिसके बाद उत्तराखंड पुलिस ने आनंद गिरि को हरिद्वार से हिरासत में लिया है। इसके साथ ही हनुमान मंदिर के प्रधान पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी और उसका पुत्र संदीप तिवारी भी शामिल हैं। इन दोनों का भी नाम सुसाइड नोट में था। इन्हें प्रयागराज से हिरासत में लिया गया है।

कल ही डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने लिया था आशीर्वाद

एक दिन पहले रविवार को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य प्रयागराज में थे। तब उन्होंने मंदिर जाकर महंत नरेंद्र गिरि से आशीर्वाद लिया था। पिछले दिनों प्रयागराज आए डीजीपी मुकुल गोयल भी लेटे हनुमान जी मंदिर में दर्शन पूजन करने गए थे।

महंत नरेंद्र गिरि पिछले करीब दो दशक से साधु-संतों के बीच अहम स्थान रखते थे। प्रयागराज आगमन पर बडे़ नेता हों या फिर आला पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी, वे महंत से आशीर्वाद लेने और लेटे हनुमान जी का दर्शन करने जरूर जाते रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी बांघबरी मठ पहुंचते रहे हैं।

कुछ समय से चेले के साथ विवादों में थे महेंद्र

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि और उनके शिष्य आनंद गिरि के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था, लेकिन बाद में इनके बीच समझौता हो गया था। तब हरिद्वार से प्रयागराज पहुंचे आनंद गिरी अपने गुरु स्वामी नरेंद्र गिरी के पैरों पर गिरकर माफी मांग ली।

आनंद बोले थे- मैं पंच परमेश्वर से भी अपने कृत्यों के लिए माफी मांग रहा हूं। मेरे द्वारा सोशल मीडिया, समाचार पत्रों, टीवी चैनलों पर जो भी बयान जारी किए गए उसे मैं वापस लेता हूं। इसके बाद महंत नरेंद्र गिरी ने भी आनंद गिरी पर लगाए गए आरोपों को वापस लेते उन्हें माफ कर दिया।

अखाड़ा परिषद ने किया था हस्तक्षेप

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के हस्तक्षेप के बाद इस विवाद पर फिलहाल विराम लग गया था। इसके बाद गुरु पूर्णिमा के दिन आनंद गिरि अखाड़े में अपने गुरु की पूजा कर सके थे। अखाड़े और मठ में आनंद गिरि के प्रवेश पर लगाई गई रोक हटा दी थी। हालांकि, आनंद गिरी का अखाड़े से निष्कासन वापस हुआ या नहीं यह अभी स्पष्ट नहीं है।

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