विदाई समारोह में कोविंद बोले – विपक्षी पार्टियों को जातिगत और परिवारवादी राजनीति से ऊपर उठने की जरूरत

कोविंद

नई दिल्ली : संसद भवन के सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति कोविंद का विदाई समारोह आयोजित हुआ। रविवार यानी 24 जुलाई को उनका कार्यकाल कल पूरा हो रहा है। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और दोनों सदनों के सांसद भी शामिल हुए। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सेंट्रल हॉल में पहुंचते ही पीएम मोदी, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने उनका स्वागत किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विदाई समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आज आप सबसे विदाई ले रहा हूं, मेरा ह्रदय द्रवित है, लेकिन इस बात का संतोष है कि मैंने अपनी पूरी क्षमता से कर्तव्यों का निर्वहन किया। देश की सेवा करने का मुझे जो मौका मिला है, उसके लिए देशवासियों का सदैव आभारी रहूंगा। आज देश विकास की राह पर है, विपक्षी पार्टियों को भी जातिगत और परिवारवादी राजनीति से ऊपर उठने की जरूरत है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा अगर आप सरकार की किसी नीति से असहमत हैं तो संविधान में आपको विरोध प्रकट करने का अधिकार है। महात्मा गांधी ने विरोध प्रकट करने के लिए देश को अहिंसा का मार्ग दिखाया। हमें उनके विचारों और सीख को याद रखने की जरूरत है।कोरोना काल में हमने लोगों को फ्री राशन दिया। कोरोना काल में भारत ने जिस तरह से काम किया, वह सराहनीय है। पीएम मोदी और मंत्रिमंडल से मुझे जो सम्मान मिला, उसके लिए सभी का धन्यवाद। अपनी बात खत्म करने से पहले मैं नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपद्री मुर्मू को बधाई देता हूं।

लोकसभा स्पीकर ने अपने संबोधन में कहा कि यूपी के एक गांव से यहां तक पहुंचने की आपकी यात्रा प्रेरणा देती है, आपने हमेशा जनहितों को सबसे ऊपर रखा। 25 जुलाई को दौपद्री मुर्मू नए राष्ट्रपति के तौर पर कार्यभार संभालेंगी।

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