चंडीगढ़ : महीने भर कोरोना से जूझने के बाद फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह जिंदगी की जंग हार गए हैं। इसी हफ्ते उनकी पत्नी निर्मल मिल्खा सिंह का देहांत भी कोरोना की वजह से हो गया था, मिल्खा सिंह ने 91वीं साल में अपनी अंतिम सांस ली है वहीं निर्मल मिल्खा सिंह 85 वर्ष की थीं। बीते दिनों ही मिल्खा सिंह कोरोना नेगेटिव हुए थे, लेकिन अचानक से उनकी तबीयत नाजुक होने लगी इसके बाद उन्हें चंडीगढ़ के PGI अस्पताल में भर्ती किया गया था। जहां उनका निधन हो गया।
मिल्खा सिंह के निधन पर प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह सहित कई हस्तियों ने दुख जताया है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर शोक व्यक्त किया और लिखा,’मिल्खा सिंह जी के निधन से हमने एक महान खिलाड़ी को खो दिया, जिनका असंख्य भारतीयों के ह्रदय में विशेष स्थान था। अपने प्रेरक व्यक्तित्व से वे लाखों के चहेते थे। मैं उनके निधन से आहत हूं।’ उन्होंने आगे लिखा,’मैंने कुछ दिन पहले ही श्री मिल्खा सिंह जी से बात की थी। मुझे नहीं पता था कि यह हमारी आखिरी बात होगी। उनके जीवन से कई उदीयमान खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी। उनके परिवार और दुनिया भर में उनके प्रशंसकों को मेरी संवेदनाएं।’
In the passing away of Shri Milkha Singh Ji, we have lost a colossal sportsperson, who captured the nation’s imagination and had a special place in the hearts of countless Indians. His inspiring personality endeared himself to millions. Anguished by his passing away. pic.twitter.com/h99RNbXI28
— Narendra Modi (@narendramodi) June 18, 2021
India mourns the sad demise of legendary sprinter Shri Milkha Singh Ji, The Flying Sikh. He has left an indelible mark on world athletics. Nation will always remember him as one of the brightest stars of Indian sports. My deepest condolences to his family and countless followers. pic.twitter.com/HsHMXYHypx
— Amit Shah (@AmitShah) June 18, 2021
Upset and saddened to hear of Milkha Singh Ji’s demise. It marks the end of an era and India & Punjab are poorer today. My condolences to the bereaved family & millions of fans. The legend of the Flying Sikh will reverberate for generations to come. Rest in peace Sir! pic.twitter.com/7yK8EOHUnS
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) June 18, 2021
वही, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी मिल्खा सिंह के निधन पर शोक जताते हुए कहा है कि यह एक युग के समाप्त हो जाने जैसा है।
पाकिस्तान में हुआ था जन्म
20 नवंबर 1929 को गोविंदपुरा (जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है) के एक सिख परिवार में मिल्खा सिंह का जन्म हुआ था। खेल और देश से बहुत लगाव था, इस वजह से विभाजन के बाद भारत भाग आए और भारतीय सेना में शामिल हो गए। कुछ वक्त सेना में रहे लेकिन खेल की तरफ झुकाव होने की वजह से उन्होंने क्रॉस कंट्री दौड़ में हिस्सा लिया। इसमें 400 से ज्यादा सैनिकों ने दौड़ लगाई। मिल्खा 6वें नंबर पर आए।
भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया
1956 में मेलबर्न में आयोजित ओलिंपिक खेल में भाग लिया। कुछ खास नहीं कर पाए, लेकिन आगे की स्पर्धाओं के रास्ते खोल दिए। 1958 में कटक में आयोजित नेशनल गेम्स में 200 और 400 मीटर में कई रिकॉर्ड बनाए। इसी साल टोक्यो में आयोजित एशियाई खेलों में 200 मीटर, 400 मीटर की स्पर्धाओं और राष्ट्रमंडल में 400 मीटर की रेस में स्वर्ण पदक जीते। उनकी सफलता को देखते हुए, भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया।
Read More : ‘फ्लाइंग सिख’ मिल्खा की पत्नी निर्मल मिल्खा का कोरोना से निधन
इस तरह मिला फ्लाइंग सिख नाम
मिल्खा सिंह पाकिस्तान में आयोजित एक दौड़ के लिए गए। इसमें उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। उनके प्रदर्शन को देखकर पाकिस्तान के जनरल अयूब खान ने उन्हें ‘द फ्लाइंग सिख’ नाम दिया। मिल्खा सिंह के जीवन पर साल 2013 में बॉलीवुड हिंदी फिल्म- भाग मिल्खा भाग बनी थी। इसका निर्देशन राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने किया, जबकि लेखन प्रसून जोशी का था। मिल्खा सिंह की भूमिका में फरहान अख्तर नजर आए थे।