मुंबई की तलोजा जेल पहुंच चुके पूर्व API सचिन वझे को लेकर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की 27 दिनों की कड़ी पूछताछ में यह सामने आया है कि वझे जिलेटिन केस के बाद कुछ और बड़ा करने वाला था। इसकी डिटेल NIA की टीम जल्द सार्वजनिक कर सकती है।
NIA सूत्रों के मुताबिक, स्कॉर्पियो कांड के बाद वझे एक एनकाउंटर की प्लानिंग कर रहा था। इसमें वह कुछ लोगों का एनकाउंटर कर पूरे मामले को उनके सिर पर डालने वाला था। ये एनकाउंटर औरंगाबाद से चोरी ‘मारुति इको’ कार में किया जाना था।
NIA को शक है कि इस एनकाउंटर में मनसुख हिरेन को भी शिकार बनाया जा सकता था। जांच में यह भी सामने आया है कि इस एनकाउंटर में दिल्ली के एक अपराधी को भी मारने की प्लानिंग थी। इससे पहले ही NIA की एक केस में एंट्री हो गई और वझे की प्लानिंग फेल हो गई।
इससे पहले NIA ने कोर्ट में खुद कहा कि वझे से हमें और पूछताछ की जरूरत नहीं है। मतलब उसने जिलेटिन केस की जांच लगभग पूरी कर ली है। माना जा रहा है कि NIA जल्द दोनों केसों का खुलासा कर सकती है।
इसके बाद मुंबई की NIA कोर्ट ने वझे को 14 दिनों की ज्यूडिशियल कस्टडी में तलोजा जेल भेज दिया। शुक्रवार को उसकी मेडिकल रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गई। रिपोर्ट के मुताबिक, वझे को किसी तरह के कार्डियो ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं है।
सुनवाई के दौरान NIA ने बताया कि उन्हें वझे के पास कई लाख कैश, बेनामी कारतूस व बैंक खाते में जमा डेढ करोड़ रुपए राशि की जानकारी मिली। एजेंसी ने दावा किया कि एंटीलिया से जुड़ी साजिश में हिरेन भी शामिल था। जिसके चलते उसकी जान गई।
क्या है पूरा मामला?
25 फरवरी को दक्षिण मुंबई के पैडर रोड स्थित एंटीलिया के बाहर विस्फोटक से भरी एक स्कॉर्पियो गाड़ी खड़ी मिली थी। 25 फरवरी की देर रात एक बजे यह गाड़ी एंटीलिया के बाहर खड़ी की गई थी। इसी दिन दोपहर में इस पर पुलिस की नजरें गईं और कार से 20 जिलेटिन की रॉड बरामद की गई। 5 मार्च को इस स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन का शव बरामद हुआ था। कुछ दिन पहले ही मनसुख ने इस गाड़ी के गुम होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसके बाद महाराष्ट्र ATS ने मनसुख की हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू की। इसके बाद 13 मार्च को सचिन वझे को अरेस्ट किया गया। बाद में दोनों केस की जांच NIA के जिम्मे सौंप दी गई।