अहमदाबाद : गुजरात की एक अदालत ने 2008 के अहमदाबाद सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में मंगलवार को 77 आरोपियों में से 10 को बरी कर दिया। इस केस में अब तक कुल 49 आरोपियों को दोषी ठहराया गया और 28 को बरी किया गया है। अदालत ने पिछले साल सितंबर में सुनवाई पूरी की थी। दिसंबर 2009 में शुरू हुए लंबे मुकदमे में 1,100 गवाहों से पूछताछ की गई थी।
बम विस्फोट मामला
26 जुलाई 2008, यही वह दिन था जब 70 मिनट के दौरान 21 बम धमाकों ने अहमदाबाद की रूह को हिलाकर रख दिया। शहर भर में हुए इन धमाकों में कम से कम 56 लोगों की जान गई, जबकि 200 लोग घायल हुए थे। धमाकों की जांच-पड़ताल कई साल चली और करीब 80 आरोपियों पर मुकदमा चला। पुलिस ने दावा किया था आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन (IM) और बैन किए गए स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) से जुड़े लोगों ने शहर में ब्लास्ट कराए हैं। पुलिस का मानना था कि IM के आतंकियों ने 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के जवाब में ये धमाके किए।
जज को कोरोना होने के कारण हुई देरी
सीनियर पब्लिक प्रोसिक्यूटर सुधीर ब्रह्मभट्ट ने बताया कि मामले की सुनवाई कर रहे स्पेशल जज एआर पटेल कोरोना संक्रमित होकर आइसोलेशन में चले गए थे, जिसके चलते फैसले की तारीख को 1 फरवरी से बढ़ा दिया गया था। अब वे ठीक होकर लौट आए हैं।