Tokyo Paralympics 2020: टोक्यो पैरालंपिक में आज बैडमिंटन में भारत के पैरा-एथलीटों ने शानदार प्रदर्शन किया है। कृष्णा नागर ने पुरुष सिंगल्स के SH6 इवेंट में आज गोल्ड मेडल जीत इतिहास रच दिया है। वहीं नोएडा के डीएम सुहास यथिराज ने सिल्वर मेडल जीता। हांगकांग के चू मान काई के खिलाफ खेले गए इस फाइनल मुक़ाबले में नागर ने शुरुआत से ही शानदार खेल का प्रदर्शन किया। नागर ने तीन गेम के कड़े संघर्ष में 21-17, 16-21, 21-17 से गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
कृष्णा ने फाइनल में हांगकांग के चू मान कई को हराया
कृष्णा नागर ने फाइनल में हांगकांग के चू मान केई को हराया। पहला गेम कृष्णा ने 21-17 से जीता। दूसरे गेम में केई ने वापसी की और 16-21 से जीते। वहीं तीसरे और निर्णायक गेम को कृष्णा ने 21-17 से जीत कर गोल्ड पर कब्जा जमा लिया। उन्होंने यह मेडल SH-6 कैटेगरी में जीता। SH-6 कैटेगरी में वैसे खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं, जिनकी लंबाई नहीं बढ़ती। बैडमिंटन के मिक्स्ड डबल्स में पलक कोहली और प्रमोद भगत की जोड़ी को फुजिहारा और सुगीनो की जोड़ी से हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा व्हीलचेयर के 50 मीटर मिस्क्ड एयर राइफल में अवनि लेखरा, दीपक और सिद्धार्थ बाबू भी मेडल की दौड़ से बाहर हो गए।
Happy to see our Badminton players excel at the Tokyo #Paralympics. The outstanding feat of @Krishnanagar99 has brought smiles on the faces of every Indian. Congratulations to him for winning the Gold Medal. Wishing him the very best for his endeavours ahead. #Praise4Para pic.twitter.com/oVs2BPcsT1
— Narendra Modi (@narendramodi) September 5, 2021
13 किमी ट्रेनिंग के लिए जाते थे कृष्णा
कृष्णा ट्रेनिंग करने के लिए रोजाना 13 किमी की दूरी तय कर स्टेडियम जाते थे। कृष्णा की उम्र 2 साल थी, तब उनकी बीमारी के बारे में परिवार वालों को पता चला।
पीएम मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री मोदी ने कृष्णा नागर और डीएम सुहास की जीत को खेल और प्रशासन का बेहतर मेल बताया। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा। आपने अपने खेल से सबका दिल जीत लिया। कृष्णा नागर को गोल्ड और डीएम सुहास को सिल्वर मेडल जीतने पर बधाई।
सुहास को फाइनल में लुकास ने हराया
नोएडा के डीएम सुहास यथिराज को फाइनल मुकाबले में फ्रांस के खिलाड़ी लुकास मजूर ने हराया। यह मुकाबला 3 गेम तक चला। सुहास ने पहला गेम 21-15 से जीता और इसके बाद दोनों गेम वो कड़े मुकाबले में हार गए। लुकास मजूर ने आखिरी दोनों गेम 21-15, 17-21 से जीता। सुहास ने सिल्वर मेडल एसएल-4 कैटगरी में जीता। एसएल-4 में वे पैरा एथलीट शामिल होते हैं, जिन्हें चलने-दौड़ने में थोड़ी परेशानी होती है।
2007 में बने IAS अधिकारी
सुहास ने भले ही बेंगलुरू में नौकरी शुरू की थी, लेकिन बार-बार उनके दिल में यही मलाल रहा कि उन्होंने अपने जीवन में समाज के लिए कुछ नहीं किया तो क्या फायदा। साल 2007 में सुहास UP कैडर से IAS अधिकारी बने।
A fantastic confluence of service and sports! @dmgbnagar Suhas Yathiraj has captured the imagination of our entire nation thanks to his exceptional sporting performance. Congratulations to him on winning the Silver medal in Badminton. Best wishes to him for his future endeavours. pic.twitter.com/bFM9707VhZ
— Narendra Modi (@narendramodi) September 5, 2021
ड्यूटी के बाद समय निकालकर खेला बैडमिंटन
UPSC परीक्षा पास करने के बाद उनकी पोस्टिंग आगरा में हुई। अपनी ड्यूटी खत्म होने के बाद सुहास टाइम निकालकर बैडमिंडन खेलने जाया करते थे। धीरे-धीरे उन्होंने प्रोफेशनल तरीके से बैडमिंटन खेलना शुरू किया।
बैडमिंटन में भारत का दूसरा गोल्ड मेडल
टोक्यो में ये भारत का अब तक का पांचवा गोल्ड मेडल है। साथ ही बैडमिंटन में ये इस पैरालंपिक में देश का दूसरा गोल्ड मेडल है। इस से पहले कल दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी प्रमोद भगत ने पुरुष सिंगल्स के SL3 गोल्ड मेडल जीता था। वहीं आज नोएडा के डीएम सुहास एल यथिराज ने भी आज पुरुष सिंगल्स के SL4 इवेंट में सिल्वर मेडल अपने नाम कर लिया।
भारत ने 19 मेडल किए अपने नाम
अब भारत के टोक्यो में 19 मेडल हो चुके हैं। अब तक 53 साल में 11 पैरालिंपिक्स में 12 मेडल आए। 1960 से पैरालिंपिक हो रहा है। भारत 1968 से पैरालिंपिक में भाग ले रहा है। वहीं 1976 और 1980 में भारत ने भाग नहीं लिया था। टोक्यो में अब तक 5 गोल्ड, 8 सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज मेडल मिले हैं।
बैडमिंटन में 7 खिलाड़ी गए, 4 ने जीता मेडल
बैडमिंटन को पहली बार ओलिंपिक में शामिल किया गया था। भारत से 7 खिलाड़ियों ने विभिन्न कैटेगरी में भाग लिया। इनमें से चार खिलाड़ी मेडल जीते। प्रमोद भगत और कृष्णा नागर ने गोल्ड जीता, जबकि सुहास यथिराज ने सिल्वर और मनोज सरकार ने ब्रॉन्ज मेडल जीता।