राजे समर्थक रोहिताश शर्मा ने भाषा बदली और बोले, जब कमांडर बॉर्डर पर जाता है तो फौज प्रफुल्ल्ति होती है, मेरी यही मंशा थी

जयपुर। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां के आज के अलवर दौरे से पहले पार्टी हित में एक अच्छा सकून हो गया। पूर्व मंत्री रोहिताश जो पहले कहते थे कि पूर्व वसुंधरा राजे के अलावा कोई नेता ही नहीं हैं जो नेतृत्व प्रदान कर सके। उनके कई अन्य विवादास्पद बोल भी चर्चा में रहते थे,लेकिन आज उनकी भाषा बदली-बदली सी नजर आई ओर कहा कि जब कमांडर बॉर्डर पर जाता है तो फौज प्रफुल्ल्ति होती है, मेरी यही मंशा थी। रोहिताश ने इतना ही नहीं अपने कार्यकर्ताओं से भी कहा कि वे पूनियां के स्वागत में पहुंचे। जो विरोध करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

हालांकि, भाजपा ने उनके इस बड़बोलों के लिए अनुशासनहिनता के नोटिस भी दे रखा हैं,जिस पर अनुशासन समिति को फैसला करना अभी बाकी हैं। पूनियां की यात्रा को लेकर उनका एक संदेश भी वायरल हो रहा है जिसमें पूनियां का विरोध करने की बात कही गई है। इस संदेश के लिए भी रोहिताश ने सफाई दी है कि ये फेक हैं।

अब तक नोटिस देने को विनाशकाले विपरीत बुद्धि बताने और वसुंधरा राजे की अनेदेखी पर प्रदेश नेतृत्व पर सवाल उठाने वाले रोहिताश शर्मा ने सतीश पूनिया के अलवर दौरे पर कार्यकर्ताओं से उनका स्वागत सम्मान करने की अपील की है। रोहिताश शर्मा ने तबीयत खराब होने का कारण बताते हुए सतीश पूनिया के अलवर दौरे में फील्ड में नहीं जाने की बात कही है।

असामाजिक कार्यकर्ता कर रहे हैँ दुष्प्रचार

रोहिताश शर्मा ने वीडियो मैसेज जारी कर कहा- थानागाजी में कुछ असामाजिक कार्यकर्ता हैं जिन्हें पार्टी की रीति नीति से लेना देना नहीं है, उन्होंने फर्जी अकांउट खोल कर दुष्प्रचार शुरू कर दिया कि सतीशजी पूनिया का स्वागत नहीं करें। ऐसे कार्यकर्ताओं के खिलाफ खिलाफ कानूनी कार्रवाई करूंगा। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सबसे सम्मानीय पद होता है उनका जितना स्वागत किया जाए उतना कम है, सभी कार्यकर्ता इस कार्यकम में बढ़-चढ़कर भाग लें और प्रदेशाध्यक्ष का सम्मान करें।

बड़े नेताओं के दौरे से कार्यकर्ताओं का जोश बढ़ता हैं

उन्होंने कहा- मेरी तो मांग ही यही थी कि दो साल से अलवर में दो साल से कोई बड़ा नेता नहीं गया तो नेता दौरे करें। अब प्रदेशाध्यक्ष का अलवर दौरा है तो इससे कार्यकर्ताओं में जोश बढ़ेगा। प्रदेशाध्यक्ष, केंद्रीय मंत्रियों के दौरे होने पर ही इलाके में कार्यकर्ताओं का जोश बढ़ता है। छोटे कार्यकर्ताओं को कौन पूछता है, बड़े अधिकारी तभी दबते हैं जब बड़े नेता दौरा करें। रोहिताश बोले- मेरी न किसी व्यक्ति से नाराजगी थी न बीजेपी से। मेरी नाराजगी कार्यकर्ताओं को नहीं संभालने पर थी। अब हमारे प्रदेशाध्यक्ष कार्यकर्ताओं के बीच जा रहे हैं तो इससे उनमें जोश आएगा।

 

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