जयपुर : प्रदेश में किसान कर्ज माफी और किसानों की जमीन नीलामी के मामले में सियासत चल रही है। इसी बीच राजभवन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्य सरकार के स्तर पर राजभवन में रोडा एक्ट संशोधन संबंधी कोई विधेयक नहीं आया और ना ही राज्यपाल कलराज मिश्र के स्तर पर इसे अनुमोदन के लिए भेजा गया।
सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने राजभवन का घेराव का ऐलान कर विरोध प्रदर्शन भी किया और राज्यपाल के नाम ज्ञापन भी सौंपा था। अब राजभवन की ओर से यह स्पष्ट हो गया कि इस मामले को लेकर प्रदर्शन किया गया, उसका कोई आधार नहीं है। मतलब इस प्रकार का कोई भी विधेयक पिछले दिनों राज्य सरकार की ओर से राजभवन में नहीं भेजा गया। राज्यपाल के प्रमुख सचिव सुबीर कुमार ने बताया कि इस संबंध में सोमवार को ज्ञापन देने आए प्रतिनिधि मंडल को भी इस संबंध में बताया गया है।
वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार ने दावा किया है कि 2 नवंबर 2020 को दीवानी प्रक्रिया संहिता (CPC) की धारा 60 (1)(b) के परन्तुक में संशोधन किया था जिससे 5 एकड जमीन पर KCC ऋण लेने पर कुर्क एवं नीलामी पर रोक लग जाती। परन्तु यह बिल अभी तक राजभवन में विचाराधीन है। आखिर यह विधेयक कहां पर है और राजभवन यह यह क्यों कह रहा है कि रोडा एक्ट के संशोधन से सम्बंधित कोई भी विधेयक राजभवन सचिवालय में विचाराधीन नहीं है।