जयपुर : सेंट्रल पार्क में बनने जा रहा प्रस्तावित महात्मा गांधी दर्शन म्यूजियम और महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ गवर्नेन्स एवं सोशल साइन्सेंज फिर विवादों में है। जो पार्क को दी गई हेरिटेज होटल लक्ष्मी विलास और कनक भवन की जमीन पर बनना है। इस मामले में सेंट्रल पार्क संघर्ष समिति ने मुख्य सचिव, यूडीएच के सचिव और जेडीए कमीश्नर को कानूनी नोटिस भेजा है। इस नोटिस में इन संपत्तियों के इंस्टीट्यूशनल उपयोग पर आपत्ति जताते हुए इसे राजस्थान हाईकोर्ट के आदेशों की अवेहलना माना है।
संघर्ष समिति के एडवोकेट विमल चौधरी की ओर से मुख्य सचिव निरंजन आर्य, यूडीएच के सचिव कुंजी लाल मीणा और जेडीए कमीश्नर गौरव गोयल के नाम से यह नोटिस जारी किया है। नोटिस में बताया कि मई 2017 में रिट पिटिशन पर सुनवाई के बाद राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया था कि होटल और कनक भवन की जमीन का कब्जा ले और भविष्य में इस जमीन का उपयोग केवल पार्क या गार्डन के उपयोग में ही लिया जाए। अन्य उपयोग में नहीं। आदेश संजय त्यागी की ओर से लगाई याचिका पर सुनवाई के बाद दिया था। इसी आदेशों के बाद जयपुर जेडीए ने मई 2017 में जेडीए ने होटल और भवन की जमीन का कब्जा लिया था।
राज्य सरकार अब यहां टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज और महाराष्ट्र इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलोजी स्कूल ऑफ साइंसेज ऑफ गवर्नेंस की तर्ज पर महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ गवर्नेंस एवं सोशल साइंसेज बनाने जा रहे हैं। इसके लिए बकायदा होटल के भवन को तोड़कर यहां इंस्टीट्यूट बनाने की योजना तैयार की जा रही है, जो हाईकोर्ट के आदेशों के खिलाफ है।
जमीन का भू-उपयोग परिवर्तन अब तक नहीं
पार्क की जमीन पर भू-उपयोग परिवर्तन को लेकर जेडीए में अभी कार्यवाही चल रही है। जेडीए के चीफ टाउन प्लानर विनय कुमार ने बताया कि लैंडयूज चेंज के मामले में अब तक उनके पास कोई फाइल परीक्षण के लिए नहीं आई है। फाइल आने के बाद ही आगे बता पाऊंगा। आपको बता दें कि इंस्टीट्यूट खोलने के लिए जेडीए को यहां की जमीन का लैंडयूज चैंज बदलना होगा।
जेडीए के मास्टर प्लान 2025 में लक्ष्मी विलास होटल की जमीन को कॉमर्शियल उपयोग का दर्शा रखा है, जबकि कनक भवन की जमीन पार्क उपयोग की है। हालांकि जेडीए को हाईकोर्ट ने स्पष्ट आदेश दे रखे है कि होटल की जमीन का उपयोग भविष्य में कॉमर्शियल उपयोग न करके केवल पार्क या गार्डन के उपयोग में किया जाएगा।