पायलट गुट ने फिर मुखर हो मुंह खोला- निशाने पर सीएम के साथ गर्ग को भी घेरा

Pilot faction again became vocal - Garg also surrounded Garg with CM on target

जयपुर। सचिन पायलट समर्थक चाकूस विधायक वेदप्रकाश सोलंकी ने मंत्रिमंडलीय कमेटियों, सब कमेटियों और एंपावर्ड कमेटियों से दलित मंत्रियों को बाहर रखने को लेकर गहलोत सरकार पर हमला बोला है। सोलंकी के निशाने पर चिकित्सा राज्य मंत्री सुभाष गर्ग भी रहे। गर्ग को लेकर कहा कि पहली बार का विधायक नौ-नौ कमेटियों में होना आश्चर्य का विषय है। उन्होंने दलित मंत्रियों के साथ भेदभाव का मुद्दा उठाकर कांग्रेस में पहले ही चल रही सियासी गर्माहट को और हवा दे दी।

सोलंकी ने कहा, राजस्थान सरकार की ओर से मंत्री टीकाराम जुली और भजनलाल जाटव को कमेटियों में शामिल नही करना आश्चर्य की बात है। यह दोनों काबिल मंत्रियों सहित पूरे दलित समाज का अपमान है। इन दोनों की योग्यता में कहां कमी रह गई, जो इस तरह उन्हें बाहर रखा गया।

सालेह मोहम्मद केवल एक कमेटी में ही क्यों

सोलंकी ने कहा- अल्पसंख्यक वर्ग से आने वाले सालेह मोहम्मद को एक ही कमेटी में लिया है। दलित और अल्पसंख्यक समाज कांग्रेस का परंपरागत रूप से मजबूत वोट बैंक है, इसके बावजूद दलित समाज से आने वाले मंत्रियों को महत्वपूर्ण समितियों में तवज्जों नही देना समझ से परे है। दलित मंत्रियों को एक तो पहले से विभाग अच्छे नहीं दिए, अब उन्हें किसी कमेटी में नहीं रखकर अपमान किया है,

मंत्री गर्ग रहे प्रमुख रूप से निशाने पर

वेद प्रकाश ने कहा, पहली बार विधायक बनकर मंत्री बने सुभाष गर्ग को नौ कमेटियों में शामिल किया है। सरकार बताए कि सुभाष गर्ग को किस पैरामीटर से नौ कमेटियों का सदस्य बनाया और दो दलित मंत्रियों को एक कमेटी में शामिल करने योग्य भी नहीं समझा। इससे दलित समाज में अच्छा मैसेज नहीं गया। इतने बड़े तबके के प्रतिनिधियों से इस तरह का बर्ताव ठीक नहीं है। सरकार को इस भेदभाव पर जवाब देना होगा, दलित समाज के वोटों से सरकार बनी है। इस तरह उनका अपमान और भेदभाव करेंगे तो… जनता आजकल सब समझती है।

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सबसे मुखर है इन दिनों सोलंकी

पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के सबसे निकट समझे जाने वाले वेद प्रकाश पिछले काफी समय से मुखर है और सरकार में होने वाली प्रत्येक हलचल पर अपनी प्रतिक्रिया देना भी नहीं भूलते। इससे पहले भी दलित-अल्पसंख्यक मंत्रियों को कम महत्व के विभाग देने का मुद्दा उठा चुके हैं। विधानसभा के बजट सत्र के दौरान रमेश मीणा के साथ वेद सोलंकी ने भी एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्याक विधायकों की आवाज दबाने के लिए उन्हें जानबूझकर बिना माइक वाली सीटें देने का आरोप लगाया था। वेदप्रकाश सोलंकी ने अभी हाल में दलित विधायकों को मंत्री बनाने और उन्हें महत्वपूर्ण विभाग देने की मांग उठाई थी। कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक हेमाराम के मुद्दे में भी वे ही मुखर होकर बोले थे।

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