जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने सेवा और सुशासन को केंद्र बिंदु माना है। इसे ध्यान में रखकर सरकार ने न केवल जन घोषणा पत्र में किए गए वादों को मूर्त रूप दिया है। बल्कि इससे आगे बढ़कर जनता को राहत देने के अनेक महत्वपूर्ण फैसले किए हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना की पहली एवं दूसरी लहर के बावजूद वादों को धरातल पर उतारने में सरकार खरी उतरी है।
गहलोत मुख्यमंत्री निवास पर राज्य मंत्रिपरिषद् के सदस्यों तथा घोषणा पत्र समिति के चेयरमैन ताम्रध्वज साहू एवं सांसद अमर सिंह के साथ जन घोषणा पत्र की समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। जन घोषणा पत्र के 501 वादों में से 321 अर्थात 64 प्रतिशत को क्रियान्वित कर दिया गया है। इसके साथ ही 138 वादे प्रगतिरत हैं। केबिनेट सब-कमेटी जन घोषणा पत्र के क्रियान्वयन की सतत मॉनिटरिंग कर रही है।
जन घोषणा पत्र के वादों को शीघ्रता के साथ पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहे है। जिन वादों में प्रगति प्रारंभिक स्तर पर है उनमें तेजी लाई जा रही है। किसानों, महिलाओं, युवाओं, बेरोजगारों, पशुपालकों, जरूरतमंद वर्गों तथा मूलभूत सुविधाओं से जुड़े हुए वादों को प्राथमिकता के साथ पूरा किया जा रहा है।
जन घोषणा पत्र राज्य सरकार का नीतिगत दस्तावेज होने के साथ ही प्रदेश के विकास को गति देने का विजन डॉक्यूमेंट है। नए राजस्थान की परिकल्पना को साकार किया जा रहा है। बैठक में राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्यों ने अपने-अपने विभागों से संबंधित उपलब्धियों एवं जन घोषणा पत्र की क्रियान्विति से अवगत कराया।
ताम्रध्वज साहू ने राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों एवं जन घोषणा पत्र के वादों की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। अमर सिंह ने कहा कि गांव, गरीब, किसान, युवा, महिलाओं एवं अन्य जरूरतमंद वर्गों के लिए राजस्थान सरकार द्वारा चलाए गए कार्यक्रम एवं योजनाएं दूसरे राज्यों के लिए भी अनुकरणीय है।