उदयपुर : उदयपुर के आदिवासी इलाके में महिलाओं की ट्रैफिकिंग से जुड़े मामलों पर रोक और अपनी कई मांगों को लेकर राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां उन्होंने कलेक्टर को ज्ञापन दिया और अपनी मांगें रखी। मगर अपनी मांगों पर स्पष्ट और संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के चलते राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा कलेक्ट्रेट में ही धरने पर बैठ गए। मीणा ने कहा कि जब तक उन्हें स्पष्ट रूप से नहीं बताया जाएगा कि इस मसले पर सरकार क्या कर रही है, तब तक वे धरने पर रहेंगे। मीणा के साथ कुछ एनजीओ वर्कर और कुछ युवतियां थी जो ट्रैफिकिंग का शिकार हुई।
किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि आदिवासी इलाके में जबरदस्त गरीबी, भुखमरी और बेरोजगारी है। राजस्थान आदिवासी इलाके के युवक-युवतियां इस गरीबी में मजदूरी करने के लिए गुजरात जाते हैं। यहां से उनके साथ दरिंदगी और अत्याचार का सिलसिला शुरू हो जाता है। आज से दो महीने पहले मुख्यमंत्री की जानकारी में डाला था कि 1000-1200 युवतियां ऐसे दलालों के जाल में फंस गई कि उनका निकल पाना मुश्किल है। पुलिस को सक्रिय करें, एंटी ह्युमन ट्रैफिकिंंग यूनिट को एक्टिव करें। मगर अब तक ऐसा नहीं हुआ।
महिलाओं को मुआवजा और सरकार की ओर से कोर्ट में पैरवी करने की भी मांग की
किरोड़ीलाल मीणा ने धरियावद में हुई रेप की घटना और आदिवासी इलाकों से महिलाओं की ट्रैफिकिंग को लेकर कहा कि इस मसले पर कांग्रेस प्रभारी अजय माकन और प्रदेश के डीजीपी से भी मिला। मगर अब तक मसले पर कुछ नहीं हुआ। किरोड़ी ने बताया कि वो अपने साथ 8-10 ऐसी युवतियों को लाएं हैं जो ह्युमन ट्रैफिकिंग का शिकार हुई हैं। मीणा ने इन युवतियों के लिए कानून के हिसाब से तय मुआवजा देने और इनकी पैरवी कोर्ट में सरकार द्वारा करने की मांग की।
किरोड़ी लाल मीणा ने बताया कि ऐसी कई महिलाएं हैं जिनकी उनकी अवैध संतानें पैदा हो गई हैं। कुछ ऐसी हैं जिन्होंने गर्भधारण कर लिया है। कुछ को पूरी तरह खराब कर दिया गया। 13,14, साल की युवतियों को बंधक बनाया गया। जिन्होंने गर्भधारण कर रखा है उन्हें कौनसा समाज स्वीकार करेगा। ये कैसे अपना समय और जीवन गुजारेंगी। मीणा ने इस मामले में स्थानीय पुलिस, गुजरात पुलिस और दलालों की मिलीभगत बताई। इसके चलते मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की। राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि SC-ST एक्ट में 5 लाख रुपए देने का प्रावधान है, जो किसे-किसे दिया गया, इसको लेकर सरकार अवगत कराएं। जिनके बच्चे हो गए हैं, उनको 50 लाख रुपए देने चाहिए। वही गैंगरेप पीड़िताओं को 10 लाख रुपए और मकान इसके साथ ही सरकारी नौकरी देने का जब तक आश्वासन नहीं मिलता, तब तक धरने पर बैठे रहेंगे।