विधानसभा में REET परीक्षा के विरोध पर सीएम गहलोत बोले- गुजरात समेत कई राज्यों में हुए पेपरलीक, बीजेपी बताए CBI को क्यों नहीं दी जांच

गहलोत

जयपुर : राजस्थान विधानसभा में बीजेपी विधायकों के हंगामे को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि भाजपा ने प्रदेश के युवाओं को भड़काकर जिस तरह का हिंसा का माहौल बनाया गया है, उसके कारण REET लेवल 2 की परीक्षा रद्द की गई। इससे करीब 15 हजार युवाओं की आशाओं को धक्का लगा। अब विधानसभा की कार्यवाही में रुकावट पैदा कर भाजपा प्रदेश के विकास के मुद्दों पर चर्चा नहीं होने देना चाहती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भर्तियों में पारदर्शिता के लिए प्रतिबद्ध है।

सीएम गहलोत ने कहा कि आज गुजरात में 13 फरवरी को प्रस्तावित नॉन सेक्रेटरिएट क्लर्क की परीक्षा को स्थगित किया गया है। इस परीक्षा को 4 सालों में 3 बार स्थगित किया गया है। मैंने पहले भी कहा कि अलग-अलग राज्यों में पेपर लीक, नकल, फर्जी डिग्री के संगठित गिरोह से सभी परीक्षाओं में परेशानियां आ रही हैं।

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हरियाणा में पुलिस कांस्टेबल पेपर, मध्य प्रदेश में SDO, RAEO और नर्स भर्ती परीक्षा, यूपी में दरोगा भर्ती, UPPCL भर्ती, यूपी लोअर सबॉर्डिनेट परीक्षा, ग्राम विकास अधिकारी, यूपी पीएटी, यूपी टीईटी परीक्षा, केन्द्र सरकार की यूजीसी नेट 2021, नीट परीक्षा, SSC-CGL भर्ती, थल सेना में जनरल ड्यूटी भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हुए। तमाम परीक्षाएं रद्द करनी पड़ीं। केन्द्र और राज्यों की सरकारों के सामने यह चिंता का विषय होना चाहिए। राज्यों में हुए पेपर लीक की जांच वहां की एजेंसियों ने ही की। भाजपा बताए कि इन सब भर्तियों की जांच CBI को क्यों नहीं दी?

कंप्यूटर अनुदेशक भर्ती में फर्जीवाड़ा करने पर होगी कार्रवाई

सीएम गहलोत ने चेतावनी देते हुए कहा कि कंप्यूटर अनुदेशक भर्ती में अगर किसी अभ्यर्थी का फर्जी प्रमाण पत्र, डिग्री या डिप्लोमा पाया जाता है तो ऐसे अभ्यर्थियों और इन्हें जारी करने वाले इंस्टीट्यूट्स पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, ऐसे अभ्यर्थी को आगे की प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार किया जाएगा। सरकार बजट सत्र में पेपर लीक, नकल और परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर सख्त कानून वाला बिल लेकर आ रही है। युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

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सीएम गहलोत ने कहा हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस की अध्यक्षता में परीक्षाओं में गड़बड़ी रोकने के लिए कमिटी बनाई है, जो 15 मार्च तक अपने सुझाव देगी। लेकिन भाजपा चर्चा नहीं सिर्फ हंगामा कर माहौल खराब करना चाहती है। राजस्थान भाजपा के नेता किसी के इशारे पर लगातार हंगामा करने की नीति बनाए हुए हैं। जिससे वक्त पर भर्ती नहीं हो सके और सरकार को बदनाम कर सकें। इस तरह विधानसभा में विपक्ष अब राज्य के विकास के मुद्दों पर चर्चा करने की बजाय सदन की गरिमा को तार-तार करने का काम कर रहा है।

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