बेनीवाल ने मोदी व गहलोत सरकार और आरपीएससी पर जमकर निशाना साधा

नई दिल्ली : आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने आज केंद्र व राज्य सरकार पर आरोपों के जमकर गोले दागे। उन्होंने अभी हाल ही में हुए कथित आरपीएससी अंक घोटाले में भी उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए वर्तमान अध्यक्ष भूपेंद्र यादव को भी दागदार बता डाला।
बेनीवाल ने पेगासस, कृषि कानून बिलों, राजस्थान में हुए फोन टेपिंग तथा आरपीएससी को लेकर एक के बाद एक लगातार नौ ट्वीट किए। जिनमें आरपीएससी को लेकर बेनीवाल ने कहा कि आरपीएससी में व्याप्त भ्रष्टाचार से राजस्थान की साख विगत कई वर्षों से खराब हो रही है, हाल ही में एसीबी ने आरपीएससी के जिस कार्मिक को रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया, उसकी तह तक जांच की जाए तो वर्तमान अध्यक्ष की भूमिका भी सामने आ सकती है।

यादव ने नेताओं के फोन टेप किए इसलिए उन्हें नियुक्ति मिली

उन्होंने आरोप लगाया कि गहलोत सरकार जब संकट में आई तब भूपेंद्र यादव ने नेताओ के फोन टेप किये, गलत मुकदमे दर्ज किए इस कारण उन्हें आरपीएससी के चैयरमैन के रूप में नियुक्ति मिल गई, आरपीएससी अध्यक्ष व सदस्यों के सम्पति की जांच व इस संस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच ष्टक्चढ्ढ से करवानी चाहिए। आरपीएससी के आधा दर्जन पूर्व अध्यक्षों के कार्यकाल की भी जांच होनी चाहिए जिन्होंने अपने कार्यकाल में जमकर भ्रष्टाचार किया और वो जगजाहिर भी है। एक तरफ भाजपा के नेता आरपीएससी के विरुद्ध बयान दे रहे हैं दूसरी तरफ भाजपा के नेता जो आरपीएससी के चेयरमैन भी रह चुके है वो आरपीएससी को सही बता रहे है,उन्हें यह भय लगने लग गया कहीं जांच हो गई तो आंच उनके कार्यकाल तक नही आ पहुंचे, भाजपा का भी अपने नेताओं पर ही कोई नियंत्रण नही है।

परिवहन घोटाले पर क्यों खामोश रही बीजेपी

भाजपा के नेताओं को लपेटते हुए बेनीवाल ने कहा कि जिन नेताओ को आकस्मिक रूप से आरपीएससी में अनियमितता व भ्रष्टाचार नजर आने लगा उनसे पूछना चाहता हूं कि जब परिवहन घोटाला हुआ और परिवहन मंत्री पर आरोप जगजाहिर हुए तब वो खामोश क्यों हो गए? उन्होंने कहा कि राजस्थान की विधानसभा में जब आरएलपी के विधायक परिवहन घोटाले की ष्टक्चढ्ढ जांच की मांग कर रहे थे तब भाजपा के विधायक सदन से गायब हो गए या खामोश हो गए, आखिर परिवहन मंत्री के विरुद्ध उन्होंने आवाज क्यो नही उठाई।

केंद्र को फोन टेपिंग की जांच करवानी चाहिए

उन्होंने कहा कि राजस्थान में गहलोत सरकार ने भी फोन टेप करवाये और अब भारत सरकार पर टेपिंग के आरोप लग रहे है, ऐसे में भारत सरकार यदि सही है तो इस प्रकरण की जांच विपक्ष की मंशा के अनुरूप स्वतंत्र एजेंसी से करवानी चाहिए। फोन टेपिंग व अन्य माध्यमो से जासूसी करवाना संविधान प्रदत अधिकारों का हनन है, सरकार को मामले में जांच करवाने की जरुरत है। साथ ही किसानों की मंशा के अनुरूप 3 बिलों को भी वापिस लेने की जरूरत है।

भ्रष्ट मंत्रियों को ड्रॉप करने की जरूरत

राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार हो भी जाये तो उससे क्या हो जाएगा? राजस्थान सरकार का पूरा तंत्र विफल व नाकाम हो चुका है। राजस्थान सरकार को स्वास्थ्य, राजस्व व परिवहन सहित अन्य मंत्री जिन पर भ्रष्टाचार व अनियमितताओं के आरोप लगे उन्हें ड्रॉप करने की जरूरत है।

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