अयोध्या। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर बन रहे श्रीराम मंदिर के पटं श्रद्धालओं के लिए दिसंबर 2023 में खुल जाएंगे। रामभक्त आसानी से रामलला के दर्शन कर सकेंगे। ामलला 2023 तक गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे। उसी के साथ मंदिर को श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिया जाएगा। हालांकि, मंदिर का पूरा काम 2025 तक हो पाएगा।
ऐसा होगा राममंदिर
इस भव्य राममंदिर में 20 फीट लंबा और 20 फीट ही चौड़ा गर्भगृह होगा। गर्भगृह के बाहर 50 हजार तक श्रद्धालु खड़े हो सकेंगे। सोमनाथ से लम्बा व चौड़ा होगा श्रीरामलला का गर्भगृह। 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसकी नीवं रखी थी। उसके बाद तेजी से काम चल रहा हैं। 60 फीसदी नींव का काम पूरा हो चुका है। नींव का कार्य सितम्बर तक पूरा हो जाने की उम्मीद हैं। इसके बाद अगले चरण का काम शुरू होगा और दिसम्बर 2023 तक रामलला को गर्भगृह में विराजीत कर दिया जाएगा ताकि श्रद्धालु वहां पहुंच नवनिर्मित मंदिर परिसर में दर्शन कर सके। श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चम्पतराय ने भी दिसम्बर 2023 की तारीख हाल में सम्पन्न श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की बैठक में बताई थी।
रामलला को चांदी के झूले पर बैठाने की तैयारी
अयोध्या में संत भूमिपूजन की सालगिरह को दीपावली जैसा उत्सव मनाने की तैयारी कर रहे हैं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट सावन में रामलला को चांदी के सिंहासन पर बैठाने की तैयारी कर रहा है। 500 साल बाद रामलला के लिए चांदी का झूला बन रहा हैं।
रामादल देगा सोने की चौखट
रामादल ट्रस्ट ने रामलला के मंदिर में सोने की चौखट देने की घोषणा की है। ट्रस्ट के अध्यक्ष पंडित कल्किराम ने कहा कि भूमि पूजन के बाद उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को सोने की चौखट देने का संकल्प पत्र सौंपा था। अब मंदिर का मॉडल बदलने के बाद रामादल ट्रस्ट ने एक बार फिर मंदिर की चौखट की माप मांगी है।
मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी 29 बार अयोध्या आए
5 अगस्त को राम मंदिर के शिलापूजन का एक साल पूरा होने के उपलक्ष्य में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या पहुंच रहे हैं। वे रामलला के दरबार में विशेष अनुष्ठान में शामिल होंगे। योगी रामलला के दर्शन भी करेंगे। उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ का यह 29 वां दौरा हैं।
