नई दिल्ली: फोन टैपिंग केस में दिल्ली हाईकोर्ट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के OSD लोकेश शर्मा की याचिका पर सुनवाई टल गई। यह सुनवाई अब 8 अक्टूबर को होगी तब तक गिरफ्तारी पर रोक बरकरार रहेगी। अगले आदेश तक दिल्ली पुलिस लोकेश शर्मा को गिरफ्तार नहीं कर सकेगी। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की अर्जी पर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने लोकेश शर्मा और पुलिस अफसरों के खिलाफ FIR दर्ज की थी। इसमें राजस्थान सरकार पर फोन टैपिंग के आरोप लगाए गए हैं। लोकेश शर्मा ने इसे दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी । 3 जून को दिल्ली हाईकोर्ट ने लोकेश शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए 6 अगस्त तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। इस याचिका में FIR के क्षेत्राधिकार को चुनौती देते हुए इसे राजस्थान ट्रांसफर करने या खारिज करने की मांग की गई थी।
पायलट खेमे की बगावत के समय शुरू हुआ था फ़ोन टेपिंग का विवाद
पिछले साल जुलाई में सचिन पायलट खेमे की बगावत के वक्त अशोक गहलोत खेमे की तरफ से कुछ ऑडियो टेप जारी किए गए थे। इसमें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा के बीच विधायकों की खरीद-फरोख्त की बातचीत का दावा किया गया था। भाजपा विधायक कालीचरण सराफ के सवाल के लिखित जवाब में सरकार ने कानूनी प्रक्रिया के तहत कुछ लोगों के फोन टेप करने की बात भी स्वीकार की थी। इस पर बजट सत्र में विधानसभा में भारी हंगामा हुआ था। संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने विधानसभा में विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े ऑडियो CM के OSD के पास आने और वायरल करने की बात मानी। इसके बाद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह ने दिल्ली पुलिस में शिकायत की। जिसके बाद 25 मार्च को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने OSD और पुलिस अफसरों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। तब से लेकर अब तक जांच में खास प्रगति नहीं हुई है। सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी और सीएम के ओएसडी को पूछताछ का नोटिस दिया, लेकिन दोनों ही अब तक नहीं गए।