नई दिल्ली: कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को NIA कोर्ट ने टेरर फंडिंग केस में उम्रकैद की सजा सुनाई। NIA के वकील उमेश शर्मा ने बताया- यासीन को दो मामलों में उम्रकैद और 10 मामलों में 10 साल सजा सुनाई गई है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। इसके अलावा इस अलगाववादी नेता को 10 लाख रुपए जुर्माना भरना होगा। यासीन पर पाकिस्तान के समर्थन से कश्मीर में आतंकी हमलों के लिए फंडिंग और आतंकियों को हथियार मुहैया कराने से जुड़े कई केस दर्ज थे। यासीन को सजा के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने दिल्ली- NCR में आतंकी हमले का अलर्ट जारी किया है।
NIA कोर्ट ने यासीन मलिक को कुल नौ मामलों में सजा सुनाई है। साथ ही अलग-अलग धाराओं में जुर्माना भी लगाया गया है। इनमें 120B में 10 साल की सज़ा और 10 हज़ार जुर्माना, 121 में उम्रकैद की सज़ा और 10 हज़ार जुर्माना, 121A में 10 साल की सज़ा 10 हज़ार जुर्माना, UAPA की धारा 13 में 5 साल और 5 हज़ार जुर्माना, UAPA की धारा 15 में 10 साल की सज़ा और 10 हज़ार जुर्माना, UAPA की धारा 17 में उम्रकैद सज़ा और 10 लाख का जुर्माना, UAPA की धारा 18 में 10 साल 10 हज़ार जुर्माना, UAPA की धारा 38 और 39 में 5 साल की सज़ा और 5 हज़ार का जुर्माना लगाया गया है।
उधर, कश्मीर में यासीन मलिक के घर के बाहर उसके समर्थकों ने नारेबाजी और पथराव किया है। जिन्हें तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले दागे। सुरक्षाबल संयम बरतते हुए यासीन के समर्थकों और अराजकतत्वों पर नजर बनाए हुए हैं। लश्कर-ए-तैयबा के पाकिस्तान में बैठे संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के खिलाफ भी दायर किया गया था, जिन्हें मामले में भगोड़ा घोषित किया गया है।