NYT की रिपोर्ट में दावा: जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस 2 बिलियन डॉलर की डिफेंस डील में भारत ने इजराइल से खरीदा

NYT की रिपोर्ट में दावा: जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस 2 बिलियन डॉलर की डिफेंस डील में भारत ने इजराइल से खरीदा

नई दिल्ली: भारत सरकार ने 2017 में इजराइल का जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस खरीदा था। यह खुलासा हुआ है अमेरिकी अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स (NYT) की रिपोर्ट में। इस सॉफ्टवेयर को पांच साल पहले भारत ने इसराइल से की गई 2 बिलियन डॉलर की डिफेंस डील में खरीदा गया था। इसी डिफेंस डील में भारत ने एक मिसाइल सिस्टम और कुछ हथियार भी खरीदे थे।

सालभर की लंबी जांच के बाद NYT अखबार ने बताया कि, अमेरिकी जांच एजेंसी FBI ने भी जासूसी के लिए यह सॉफ्टवेयर खरीदा था। FBI ने घरेलू निगरानी के लिए सालों तक इसकी टेस्टिंग भी की, लेकिन पिछले साल इसका इस्तेमाल नहीं करने का फैसला किया। हालांकि, रिपोर्ट में यह साफ नहीं है कि एफबीआई का यह फैसला पेगासस का राज खुलने से पहले आया या बाद में।

दुनियाभर में जासूसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया

रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे दुनियाभर में इस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया गया। मेक्सिको सरकार ने पत्रकारों और विरोधियों के खिलाफ, तो सऊदी ने शाही परिवार के आलोचक रहे पत्रकार जमाल खशोगी और उनके सहयोगियों के खिलाफ इसका इस्तेमाल किया। इजराइली रक्षा मंत्रालय ने पोलैंड, हंगरी और भारत जैसे कई देशों में पेगासस के इस्तेमाल की मंजूरी दी थी।

NYT की रिपोर्ट में दावा: जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस 2 बिलियन डॉलर की डिफेंस डील में भारत ने इजराइल से खरीदा

पीएम मोदी की 2017 की इजराइल यात्रा में हुई थी डिफेंस डील

न्यूज़ एजेंसी का दावा है कि जुलाई 2017 में जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजराइल पहुंचे थे, तब उनका संदेश साफ था कि भारत अब अपने फलस्तीन के लिए प्रतिबद्धता के पुराने रुख में बदलाव कर रहा है। इसका नतीजा यह हुआ कि पीएम मोदी और इजराइल के तत्कालीन प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच काफी करीबी देखी गई। भारत ने इजराइल से आधुनिक हथियार और जासूसी सॉफ्टवेयर खरीदने का सौदा कर लिया। यह पूरा समझौता करीब 15 हजार करोड़ रुपये का था। इसके केंद्र में एक मिसाइल सिस्टम और पेगासस ही था।

पीएम मोदी के दौरे के कुछ महीने बाद ही बेंजामिन नेतन्याहू भी भारत आए थे। इसके बाद 2019 में भारत ने संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक और सामाजिक परिषद में इजराइल के समर्थन वोट दिया था। यह पहली बार था जब भारत इजराइल को फिलिस्तीन पर तरजीह दे रहा था।

जुलाई 2021 में हुआ था भंडाफोड़

मीडिया समूह ने जुलाई 2021 में यह खुलासा किया था कि दुनिया भर की कई सरकारों ने विरोधियों और पत्रकारों की जासूसी करने के लिए स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया था। भारत में जिन लोगों जासूसी की गई थी उनमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर, तत्कालीन चुनाव आयुक्त अशोक लवासा के साथ 40 से ज्यादा पत्रकारों के नाम शामिल थे।

 

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