नई दिल्ली: देश के पहले CDS जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका की पार्थिव देह को एक ही चिता पर अंतिम विदाई दी गई। दोनों बेटी कीर्तिका और तारिणी ने एकसाथ उन्हें मुखाग्नि दी। जीवन यात्रा की तरह जनरल रावत की अंतिम यात्रा भी अभूतपूर्व रही। जिस पत्नी के साथ अग्नि के सात फेरे लिए थे, मुखाग्नि तक उसके साथ रहे।
सेना के किसी सर्वोच्च अफसर की अंतिम यात्रा के लिए शायद ही कभी ऐसी भीड़ उमड़ी हो। पूरे रास्ते पर लोगों ने फूल बरसाए और शव वाहन के साथ-साथ तिरंगा लेकर दौड़े। नारे लगाते रहे- जनरल बिपिन रावत अमर रहें। अंतिम संस्कार के दौरान भी आर्मी कैंट भारत माता की जय के नारों से गूंजता रहा।
तीनों सेनाध्यक्षों, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह,गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल समेत केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य ने जनरल रावत को अंतिम श्रद्धांजलि दी। उन्हें 17 तोपों की सलामी दी गई और इस दौरान 800 मिलिट्री पर्सनल मौजूद थे।
जब तक सूरज चांद रहेगा, बिपिन जी का नाम रहेगा, दिल्ली के लोगों ने लगाए नारे
सीडीएस जनरल बिपिन रावत की अंतिम यात्रा में लोगों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। यहां इकट्ठा हुए लोगों ने बिपिन रावत को याद करते हुए नारे भी लगाए। यह नारे थे- जब तक सूरज-चांद रहेगा, बिपिन जी का नाम रहेगा।
ब्रिगेडियर एल.एस. लिड्डर को बेटी ने दी मुखाग्नि
जनरल रावत के साथ जान गंवाने वाले ब्रिगेडियर एल.एस. लिड्डर का आज दिल्ली कैंट के बराड़ स्क्वायर में अंतिम संस्कार किया गया। आज सुबह उनके पार्थिव शरीर को आर्मी के बेस अस्पताल से शंकर विहार में उनके आवास ले जाया गया। ब्रिगेडियर लिड्डर को अंतिम विदाई देने के लिए सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी भी पहुंचे। उन्हें श्रद्धांजलि देने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी पहुंचे।