नई दिल्ली : तूफान Tauktae के बाद अब देश पर अब चक्रवात यास (Cyclone YAAS) का खतरा मंडरा रहा है। मौसम विभाग ने इसके बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका जताई है। यह 26 मई को ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों से टकरा सकता है। इसी के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) और नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF) समेत 14 विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने तूफान से निपटने की तैयारियों का रिव्यू किया।
मीटिंग में पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और पुड्डुचेरी के चीफ सेक्रेटरी और अफसर शामिल हुए। इसमें रेलवे बोर्ड चेयरमैन, NDMA मेंबर सेक्रेटरी, IDF चीफ के साथ गृह, पावर, शिपिंग, टेलिकॉम, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, सिविल एविएशन और फिशरीज मंत्रालय के सेक्रेटरी भी मौजूद रहे। बैठक में कोस्ट गार्ड, NDRF और IMD के DG भी शामिल हुए।
24 मई को चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, चक्रवात यास (Cyclone YAAS) के उत्तर, उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है। यह 24 मई तक एक चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है और अगले 24 घंटों में बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है। यह 26 मई को पश्चिम बंगाल के पास बंगाल की उत्तरी खाड़ी और उससे सटे उत्तरी ओडिशा और बांग्लादेश के तटों तक पहुंच जाएगा।
बंगाल और ओडिशा पर सबसे ज्यादा असर
तूफान को लेकर पहले से ही आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और अंडमान-निकोबार में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। इसका सबसे ज्यादा असर बंगाल और ओडिशा पर पड़ेगा। अंडमान और निकोबार और पूर्वी तट के कुछ इलाकों में तेज बारिश होने की संभावना है। इससे बाढ़ का खतरा भी बन सकता है।
कोस्टगार्ड समेत डॉक्टरों की टीम और एंबुलेंस स्टैंडबाय पर
कोस्ट गार्ड, डिजास्टर रिलिफ टीम (DRTs), इन्फ्लेटेबल बोट, लाइफबॉय और लाइफजैकेट, इसके अलावा डॉक्टरों की टीम और एंबुलेंस को स्टैंडबाय पर रखा है। पोर्ट अथॉरिटी, ऑयल रिग ऑपरेटर्स, शिपिंग- फिशरीस अथॉरिटी और मछुआरे संघों को चक्रवात को लेकर जानकारी दे दी गई है।